नई दिल्ली। इन दिनों खेलों में मानसिक स्वास्थ्य एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है। अब क्रिकेट से लेकर टेनिस तक खिलाड़ी अपने तनाव और दबाव पर चर्चा कर रहे हैं। हाल में ही टेनिस स्टार नाओमी ओसाका (Naomi Osaka) ने डिप्रेशन का हवाला देते हुए फ्रेंच ओपन से हट गईं, जबकि अमेरिकी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स (Simone Biles) ने टोक्यो ओलंपिक में अपने फाइनल मुकाबले तक को छोड़ दिया। वहीं भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज (India vs England Test Series) से ठीक पहले इंग्लैंड के विस्फोटक ऑलराउंडर बेन स्टोक्स (Ben Stokes) ने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए ब्रेक ले लिया। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को भी अपने 24 साल के करियर में तनाव का सामना करना पड़ा है। सचिन तनाव के चलते अपने करियर में कई सालों तक ठीक सो नहीं पाए थे।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि वो मैच से एक रात पहले क्या करते थे और कैसे उन्होंने इस स्थिति पर काबू किया। सचिन ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, अगर आप किसी चीज की परवाह करते हैं, तो निश्चित रूप से कुछ बेचैनी होगी। ऐसा सिर्फ इसलिए है क्योंकि मुझे अपने खेल की परवाह थी और जब भी मैं बाहर जाता था तो मैं हर बार अच्छा करना चाहता था। अपने करियर के पहले 12 वर्षों में, मैं मैच से पहली वाली रात ठीक सो नहीं पाया।”
क्या पूरे करियर के दौरान ऐसा हुआ? इस सवाल के जवाब में सचिन ने कहा, “हां, यह पूरे करियर के दौरान हुआ। यह मेरे आखिरी टेस्ट तक भी हुआ। आखिरी टेस्ट में जब आउट हुआ तो शाम को इस बारे में अपने भाई से चर्चा की। मुझे नहीं पता कि हमने इस पर चर्चा क्यों की, क्योंकि अगर हम अच्छी गेंदबाजी करते हैं, तो दूसरी बार बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलता।” सचिन ने अपना आखिरी टेस्ट नवंबर 2013 में मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। सचिन ने इस मैच में 74 रनों की पारी खेली थी। भारत ने यह मैच पारी और 126 रनों के अंतर जीता था।
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