नई दिल्ली. उन्नाव रेप पीड़िता मामले (Unnao Rape Case) की सुनवाई कर रही देश की राजधानी दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार को बड़ा निर्देश दिया है. कोर्ट ने रेप पीड़िता को सुनवाई पूरी होने तक केवल जरूरी होने पर ही बाहर जाने और कहीं जाने के पहले अपने निजी सुरक्षा अधिकारियों को सूचित करने का आदेश दिया है. बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता को सीआरपीएफ (CRPF) की सुरक्षा मिली हुई है. यह निर्देश जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने दिया है.
दरअसल, उन्नाव रेप पीड़िता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए निजी सुरक्षा अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद कोर्ट ने ये निर्देश जारी किया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा, ‘कहीं जाने से पहले उन्हें (सुरक्षा अधिकारियों को) सूचित करें. उन्हें आपकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. आपको इस तरह से योजना बनानी चाहिए कि आपको हर दिन बाहर ना निकलना पड़े. जरूरी होने पर ही बाहर निकलें. मामला खत्म होने तक आपको सावधानी बरतनी चाहिए.’
उन्नाव रेप पीड़िता और निजी सुरक्षा अधिकारी के बीच बनी सहमति
इसके अलावा कोर्ट बताया कि रेप पीड़िता और उसके निजी सुरक्षा अधिकारी के बीच इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए सहमत हुए हैं. वहीं, कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़िता या फिर उसके परिवार के सदस्य लंबित मामलों में अपने वकील से मिलना चाहते हैं, तो उन्हें एक दिन पहले ही बताने का प्रयास करना चाहिए.
भाजपा विधायक को मिली सजा
उन्नाव रेप मामले में भाजपा के बर्खास्त विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में है. उन्होंने युवती को 2017 में अगवा कर उससे रेप किया था और वह उस वक्त नाबालिग थी. जबकि इस मामले में 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी. इसके अलावा कोर्ट ने 2019 में सीआरपीएफ को रेप पीड़िता, उसकी मां और परिवार के अन्य सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया था. यही नहीं, इस मामले को लेकर यूपी और देश की सियासत में भी भूचाल आ गया था.
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