नई दिल्ली। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष (Opposition against Modi government) लगातार एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष के तमाम नेता इसे लेकर लगातार कोशिशें कर रहे हैं। एक ऐसी ही कवायद सोमवार की देर शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Former Union Minister and Congress Rajya Sabha MP Kapil Sibal) की ओर से नजर आई, जहां डिनर पर उन्होंने विपक्ष के तमाम नेताओं को आमंत्रित किया।
यूं तो कांग्रेस लगातार विपक्ष को गोलबंद करने में जुटी हुई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए इन दिनों लगातार बैठक कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने ब्रेकफास्ट पर तमाम विपक्षी नेताओं के साथ रणनीति पर चर्चा की। लेकिन, सोमवार की कवायद इस मामले में अलग कही जा सकती है। कारण है कि इसका आयोजन कांग्रेस के उस धड़े ने किया था, जिसे इन दिनों सियासी गलियारे में जी-23 के नाम से जाना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, इस डिनर में कुल 17 विपक्षी दल के 45 नेता शामिल हुए थे।
एक नेता ने बताया कि रविवार को कपिल सिब्बल का जन्मदिन था। इस उपलक्ष्य में सोमवार को डिनर पार्टी दी गई। आपस में मिल-बैठने के नाम पर नेताओं को बुलाया गया। सिब्बल का डिनर इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें ऐसे दल भी पहुंचे, जो आमतौर पर विपक्षी पाले में दिखाई नहीं देते। शामिल होने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा, टीएमसी, एनसीपी, टीडीपी, आरजेडी, टीआरएस, बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, अकाली दल, डीएमके, शिवसेना, सपा, सीपीएम, सीपीआई, आप, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएलडी जैसे दल शामिल थे।
कौन-कौन रहा मौजूद?
वहीं, डिनर में पहुंचने वाले प्रमुख मेहमानों में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, संदीप दीक्षित, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, शशि थरूर, सुभाष चोपड़ा व अरविंदर सिंह लवली, एनसीपी के शरद पवार व प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी के लालू प्रसाद यादव व मनोज झा, सपा के अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रॉयन, डीएमके के तिरुचि शिवा, वाईएसआर कांग्रेस के अयोध्या रामी रेड्डी, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी, शिवसेना के संजय राउत, आप के संजय सिंह, बीजेडी के पिनाकी मिश्र, टीडीपी के जयदेव गाला, अकाली दल के नरेश गुजराल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला शामिल थे।
सूत्रों के मुताबिक, डिनर में तमाम विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल को याद किया। कई नेताओं ने कहा कि पटेल ऐसे नेता थे, जो न सिर्फ सब तक पहुंचने की कोशिश करते थे, बल्कि सबकी पहुंच में रहते थे। कई नेताओं ने उनकी कमी का जिक्र करते हुए विपक्ष में तालमेल के अभाव का भी जिक्र किया।
बताया जाता है कि विपक्षी दलों ने कहा कि विपक्ष काे एक साथ लाने के लिए जैसी भी मदद की जरूरत होगी, वह की जाएगी। वहीं, एनसीपी, आरजेडी, सपा जैसे दलों ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं से कहा कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए आप (पार्टी के) भीतर व बाहर जो भी सोचते हैं, हम आपके साथ हैं। वहीं, कई नेताओं की शिकायत थी कि कई मुद्दों पर वह विपक्ष के साथ आना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस उन्हें साथ लेने की कोशिश नहीं करती। अकाली दल का कहना था कि पंजाब के अलावा भी कई और मुद्दों पर वह सरकार पर सवाल उठाना चाहती है।
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना
भले ही कपिल सिब्बल के डिनर के पीछे मोदी सरकार के खिलाफ तमाम दलों को गोलबंद करना था, लेकिन माना जा रहा है कि इसका एक मकसद हाईकमान को अपनी ताकत का अहसास कराना भी था। जिस तरह से सिब्बल के यहां पवार, लालू यादव व अखिलेश जैसे नेता पहुंचे, वो कहीं न कहीं जी-23 के सियासी रसूख की ओर इशारा करते हैं।
इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि पिछले साल अगस्त के पहले हफ्ते में ही कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति व हाईकमान को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिठ्ठी लिखी थी, जिनमें आजाद, सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण व लवली जैसे नेता शामिल थे। आप, बीजेडी, अकाली दल, बीजेपी, टीआरएस व वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों को डिनर में बुलाकर जी-23 ने राहुल गांधी व हाईकमान को एक संकेत देने की कोशिश की है।
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