उज्जैन। भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा पर 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार यह पर्व राजयोग में आएगा। भद्रा नहीं रहने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी।
सामान्यत: रक्षाबंधन का पर्व श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार रक्षाबंधन के दिन सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। गुरु कुंभ राशि में बक्री हैं और इसके साथ चंद्रमा भी रहेगा। इन ग्रहों की वजह से गजकेसरी योग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन सूर्य ,मंगल और बुध सिंह राशि में रहेंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि में उसका मित्र मंगल भी रहेगा। इस दिन शुक्र कन्या राशि में रहेंगे। ग्रहों के यह योग शुभ फल देने वाले है। ऐसा योग 2021 से पहले 474 साल पहले बना था। 11 अगस्त 1547 को धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षाबंधन मनाया गया था। सूर्य, मंगल, बुध, की ऐसी ही स्थिति थी। उस समय शुक्र बुध की राशि मिथुन में थे, जबकि इस साल शुक्र बुध ग्रह की राशि कन्या में स्थित रहेंगे।
खरीदारी होगी कल्याणकारी
यह संयोग रक्षाबंधन पर होने से भाई बहन दोनों के लिए लाभकारी और शुभ कल्याणकारी होगा। वहीं खरीदारी व कोई भी सरकारी कार्य शुरू करने के लिए भी यह राजयोग अच्छा माना जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 22 अगस्त को सुबह 10:34 तक शोभन योग रहेगा, वही रात 7:40 तक धनिष्ठा योग रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाला भाई अपनी बहन के प्रति विशेष लगाव रखता है। राखी बांधने के शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से शुरू होकर पूरे दिन रहेगा।
सिंह, वृश्चिक और धनु लग्न में राखी बंधवाना श्रेष्ठ
ज्योतिषियों के मुताबिक इन विशेष योगों में राखी बंधवाना मंगलकारी रहेगा। इसी दिन देवगुरु बृहस्पति के साथ चंद्रमा की युति रहेगी, जिसके परिणाम स्वरूप इस अवधि में किए गए धार्मिक कार्य अधिक शुभफल देंगे। सफेद व पीले धागे से बनी राखी का उपयोग किया जाना चाहिए। सफेद चंद्रमा और पीला बृहस्पति का रंग होता है। इसका असर स्वास्थ्य और शिक्षण कार्य पर भी होता है। राखी बंधवाते समय भाई और बहन दोनों ही काला वस्त्र धारण न करें।
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