उज्जैन। भ्रष्टाचार और अत्याचार का केन्द्र बने भैरवगढ़ में शिकायत के बाद अभी जाँच चल रही है और न तो ढर्रा सुधरेगा और न ही किसी को राहत मिलेगी, क्योंकि हमाम में सब नंगे हैं और कुछ दिन के बाद फिर वही शुरु हो जाएगा..फिल्म अभिनेता डेनी और सुनील शेट्टी की फिल्म विनाशक में जो कुछ दिखाया गया था उससे भी कई अधिकार भ्रष्टाचार और अत्याचार जेल में हो रहा था तथा शिकायत करने वाले कैदियों को अधिकारियों के जाने के बाद खुले में नंगा कर दिया जाता था और उसके शरीर पर पानी डालकर चप्पलों से पीटा जाता था ताकि आगे से दूसरा कैदी ऐसी शिकायत न कर सके।
महिला द्वारा की गई शिकायत के बाद जेलर लडिय़ा को हटा दिया गया है लेकिन जेल अधीक्षिका अलका सोनकर को सब जानकारी थी कि किस तरह अंग्रेजों की तरह जेल में कैदियों पर जुल्म किया जा रहा है तथा महिला कैदियों को बेल्ट से पीटा जाता था। खौफ और भय का यह आलम था कि जब अलका सोनकर जेल बेरक में निरीक्षण करने जाती थी और यदि उस दौरान कोई कैदी गर्दन उठाकर उनका मुंह देख लेता था तो बाद में संतोष लडिय़ा उसकी कुटाई करवाता था। इससे समझा जा सकता है कि जेल में क्या हालत थी। अग्रिबाण को मिली जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में पैरोल पर छूटे दो बंदियों के परिजन जेल पहुँचे तो छोडऩे के लिए उनसे 500 रुपए की मांग की गई लेकिन उनके पास पैसा नहीं था तो रात 12 बजे गेट खोलकर दोनों बंदियों को छोड़ा गया। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैदियों के साथ किस तरह का अमानवीय व्यवहार कैदियों से हो रहा है और कोई देखने वाला नहीं है। भैरवगढ़ जेल में स्मैक, नशे की पुडिय़ां, सिगरेट, शराब, तंबाखू तथा बाहर का खाना इस तरह आता है जैसे कोई होटल हो। जरूरत इस बात की है कि अलका सोनकर भी उज्जैन से हटाया जाए ताकि जाँच प्रभावित न हो। महिला कैदियों के साथ और भी अन्य अमानवीय व्यवहार होते थे जिन्हें यहाँ नहीं लिखा जा सकता। देखना यह है कि क्या जाँच होती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved