पंचांग के अनुसार 11 अगस्त 2021 को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। हरियाली तीज का पर्व सुहागिन स्त्रियों (married women) का प्रिय पर्व है। हरियाली तीज का पर्व सुहागिन स्त्रियों को समर्पित है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां (married women) व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा
हरियाली तीज पर भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की विशेष पूजा (worship) की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव और पार्वती जी का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए सुहागिनों के लिए इसका बड़ा महत्व है।
कठिन व्रत
हरियाली तीज (Hariyali Teej) का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना गया है। इस व्रत में स्त्रियां अन्न और जल का त्याग करती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए पूजा अर्चना करती हैं। सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए इस व्रत का महत्वपूर्ण माना गया है। इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है।
हरियाली तीज शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज का व्रत विधि पूर्वक पूर्ण करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत को रखने से दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं। इसके साथ ही बाधा और कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि (happiness and prosperity) और शांति लाता है। पंचांग के अनुसार हरियाली तीज का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा। लेकिन तृतीया की तिथि 10 अगस्त, मंगलवार की शाम 06 बजकर 11 मिनट से आरंभ होगी। तृतीया तिथि 11 अगस्त 2021, बुधवार को शाम 04 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी।
इन बातों का ध्यान रखें
हरियाली तीज पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस व्रत का पुण्य प्राप्त करने के लिए इन बातों से दूर रहना चाहिए-
क्रोध न करें।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
अहंकार न करें।
वाणी दोष न आने दें।
लोभ न करें।
किसी का अपमान न करें।
विवाद और तनाव (Tension) से दूर रहें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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