फर्जी फर्में बनाकर डीलरों को बेचा बायो डीजल
इन्दौर-रतलाम की छह बायो डीजल कंपनियों पर आरोप
इंदौर। इंदौर (INDORE) और रतलाम (ratlam) की छह बायोडीजल कंपनियों (biodiesel companies) ने गुजरात (gujarat) से बायोडीजल (biodiesel) मंगाकर 35 करोड़ की कर चोरी कर डाली। अब वाणिज्यिक कर विभाग (commercial tax department) द्वारा इन कंपनियों से सवा पांच करोड़ रुपए सरेंडर (surrender) कराए गए हैं। इस कार्रवाई से बायोडीजल (biodiesel) के कारोबार में लगे व्यापारियों में हडक़ंप मच गया है।
सूत्रों के अनुसार इंदौर के पालदा व इंडस्ट्रियल एरिया पीथमपुर ( pithampur) में बायोडीजल (biodiesel) की तीन फर्में हैं। इन्हीं की तीन फर्में रतलाम में भी हैं। विभाग को सूचना मिली थी कि इन फर्मों द्वारा गुजरात से बायोडीजल (biodiesel) मंगाकर वाणिज्यिक कर विभाग को चूना लगाया जा रहा है। कमिश्नर राघवेंद्र सिंह (raghavendra singh) के निर्देश पर एंटी-इविजन विंग बी द्वारा एक साथ रतलाम एवं इंदौर में बायोडीजल (biodiesel) की छह फर्मों पर छापामार कार्रवाई की गई। पिछले 4 दिनों से की जा रही कार्रवाई में अभी तक 35 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है।
छोटे-छोटे व्यापारियों को उलझा दिया कर चोरों ने
इन कंपनियों ने कई छोटी फर्म बनाते हुए स्थानीय डीलरों के साथ-साथ बायोडीजल (biodiesel) के छोटे व्यापारियों को भी डीजल बेचा। इंदौर के अलावा रतलाम की तीनों फर्म ने भी लगभग एक दर्जन से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाकर कच्चे बिलों के जरिए करोड़ों रुपए का डीजल बेचा है।
फर्जी बिलों से कारोबार बायोडीजल बनाते भी हैं
इन फर्मों से हजारों की संख्या में कच्चे व फर्जी बिल मिले। इन्होंने विभाग को अंधेरे में रखते हुए कच्चे बिलों (raw bills) के जरिए ही खरीदी-बिक्री कर विभाग को तगड़ा चूना लगाया है। इनके द्वारा गुजरात से तो बायोडीजल (biodiesel) मंगाया ही जा रहा है, वहीं बायोडीजल (biodiesel) बनाने के लिए 2 कारखाने भी खुल गए हैं।
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