नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) ने दिल्ली के नांगल राया इलाके में नौ साल की एक बच्ची (9-year-old girl) के साथ बलात्कार और हत्या (Rape, murder) के संबंध में ट्विटर पर रिपोर्ट की गई घटना का संज्ञान (Cognizance)लिया है।
आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदर की अध्यक्षता वाली टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान आयोग की सदस्या डॉ. अंजू बाला, सुभाष रामनाथ पारधी, निदेशक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। आयोग की टीम ने बच्ची के माता-पिता से भी मुलाकात की। बच्ची के माता-पिता ने आयोग को पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, घटना के समय मेरी बेटी श्मशान से पानी लेने गई थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें घटना की जानकारी मिली कि उनकी बेटी की मौत के बाद जला दिया गया है।
माता-पिता ने आयोग को बताया कि, उनकी बच्ची के साथ बलात्कार किया गया और पुजारी ने यह झूठ बोलकर उसका जबरन अंतिम संस्कार करा दिया कि उसकी मौत बिजली का करंट लगने से हुई है। इसके अलावा पीड़िता के अभिभावकों ने दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। वहीं आयोग की टीम में उपाध्यक्ष ने दोषियों को सजा दिलाने का भरोसा दिलाया।
पीड़िता के अभिभावकों से मुलाकात के बाद आयोग की टीम ने एरिया डीएम, डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) समेत जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। आयोग की सिफारिश पर मामले में प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज अधिनियम और पॉक्सो अधिनियम लागू किया गया था। एरिया डीएम को एससी/एसटी पीओए नियम 2016 (संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा जारी करने की सलाह दी गई थी। आयोग ने सचिव, एससी/एसटी विभाग, दिल्ली सरकार के साथ भी एक बैठक की। इसके बाद यह सुनिश्चित कराया गया कि नियमानुसार पीड़िता के परिवार को तत्काल मुआवजा दिया जायेगा।
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