इन्दौर। नगर निगम (municipal Corporation) और सामाजिक न्याय विभाग (Social Justice Department) ने भिक्षुकों (Beggars) को मंदिरों और अन्य स्थानों से हटाकर विभिन्न सेंटरों पर पहुंचाने का काम शुरू किया है। शहर में हजारों भिक्षुक हैं, लेकिन दो दिनों के अभियान में सिर्फ 23 ही पकड़े गए और इनमें से 20 की क्लास लग रही है, जबकि तीन को शपथ पत्र देकर परिजन साथ लेकर चले गए।
परदेशीपुरा स्थित भिक्षुक केंद्र पर शहर के अलग-अलग मंदिरों (Temples) और प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को लाने का कार्य चल रहा है। इसके लिए नगर निगम (municipal Corporation) और सामाजिक न्याय विभाग (Social Justice Department) की टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कार्रवाई कर रही हैं। एनजीओ टीम की सदस्य रूपाली जैन के मुताबिक कल परदेशीपुरा स्थित भिक्षुक केंद्र पर भिक्षावृत्ति में लिप्त वृद्धों में से तीन को लेने के लिए उनके परिजन पहुंचे थे।
परिवार देखभाल करता है, फिर भी करते हैं भिक्षावृत्ति
अधिकारियों के मुताबिक गोम्मटगिरि (Gommatgiri), बांगड़दा क्षेत्र (Bangarda Area) के तीन लोगों को उनके परिवार के लोग कल लेने आए थे और उन्होंने बताया कि वे बुजुर्गों का ख्याल रखते हैं, लेकिन उसके बावजूद वे मंदिरों (Temples) या चौराहों पर भिक्षावृत्ति के लिए निकल पड़ते हैं। कई बार समझाने के बाद भी वे नहीं मानते, जिससे परिवार के लोग भी परेशान हैं। उन्होंने कल शपथ पत्र भरकर अधिकारियों को दिए और बुजुर्गों को लेकर चले गए।
धर्मस्थलों से लेकर चौराहे तक हजारों भिक्षुक
शहर के धर्मस्थलों के आसपास से लेकर प्रमुख चौराहों और कई मुख्य मार्गों पर भिक्षुकों (Beggars) की टोलियां रहती हैं। इनकी संख्या हजारों में है, लेकिन दो दिन के अभियान में सिर्फ 23 ही पकड़ में आए हैं। अफसरों का कहना है कि अभी पहले दौर में अभियान शुरू किया गया है और आने वाले समय में इसे तेजी से चलाया जाएगा।
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