राजस्थान । रणथम्बोर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) की एक बाघिन (tigress) पूरी दुनिया में काफी मशहूर हुई है। उसका नाम था मछली। वो बंगाल टाइगर थी, साल 2000 में उसे, बाघों की रानी, लेडी ऑफ लेक (lady of lake), मगरमच्छ को मारने वाली बाघिन और रणथम्बोर की रानी जैसे टाइटल से भी जाना जाता था। आज आपको हम उसकी कहानी बताने जा रहे हैं। पता है आज भी वो दुनिया की सबसे सबसे मशहूर बाघिन है।
क्यों मछली था उसका नाम?
उसका नाम मछली इसलिए पड़ा था, क्योंकि उसके चेहरे पर एक मछली जैसा निशान बना था। जो उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता था। विकिपीडिया की मानें तो उसका जन्म 1996 या फिर 1997 में हुआ था। दो वर्षों में ही उसने अपनी मां का इलाका छोड़ दिया और वो खुद शिकार करने लगी, अपना इलाका बनाने लगी।
11 शावकों को दिया जन्म
उसने 11 बाघों को जन्म दिया। इसमें से सात मादा और चार नर टाइगर थे। पार्क में बाघों की संख्या बढ़ाने में उसका काफी योगदान है। 60 फीसदी हिस्से का संबंध उसके वंश से ही है। उसके ही दो मादा शावकों को सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में भेजा गया था ताकि वहां बाघों की संख्या में इजाफा हो।
जब किया मगरमच्छ का शिकार
मछली अपने शिकार करने के तरीके और मजबूती के लिए जानी जाती थी। साल 2003 में उसकी फाइट हुई 14 फीट लंबे मगरमच्छ के साथ। इस फाइट में उसके कुछ दांत टूट गए लेकिन वो फिर भी तब तक उस मगरमच्छ से लड़ती रही जबतक उसने उसे मार नहीं दिया। रणथंबौर नेशनल पार्क में वो आकर्षण का केंद्र थी, वो अपने शावकों को बचाने के लिए खतरनाक मेल टाइगर्स और बाकी जानवरों से भी भिड़ जाती थी।
What a majestic beast, can't think of any other animal to be India's national animal.Tigers are pride of India.
This is a picture of the legendary tigress, machli.also known as crocodile killer. She was also honoured with life time achivement award❤️❤️#InternationalTigerDay pic.twitter.com/SkiofxRfBA— !saad (@mohdsaad379) July 29, 2021
मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मछली को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है। ट्रैवल टूर ऑपरेटरों के अनुसार, वो हर साल करीब 65 करोड़ रुपये का बिजनेस देती थी। दुनिया में सबसे ज्यादा फोटो मछली के कैप्चर किए गए हैं।
दांत टूट चुके थे
जानकारों की माने तो बंगाल टाइगर की उम्र 10 से 15 वर्ष होती है लेकिन मछली 20 साल की थी। बुढ़ापे में वो अपने सारे दांत लगभग खो चुकी थी। मादा टाइगर सुंदरी जोकि उसकी बेटी थी वो उसे टक्कर दे रही थी। वन विभाग उसे शिकार के रूप में बंधे हुए जानवर दे रहा था, हालांकि कानून के अनुसार इसपर पाबंदी है। आखिरकार 18 अगस्त 2016 को जंगल की यह जंगल की रानी दुनिया को अलविदा कह गई। हिंदू रिति रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया।
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