शासन ने टीडीआर पॉलिसी तो लागू कर दी, मगर अभी तक रिसीविंग एरिया ही नोटिफाइड नहीं किया
इंदौर। प्राधिकरण बोर्ड (Authority Board) निर्णय के बाद 11 ओवरब्रिज निर्माण (Overbridge Construction) के लिए मैदानी सर्वे जल्द शुरू किया जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण ने नवी मुंबई (Navi Mumbai) की फर्म टेक्नोजेम को फिजिबिलिटी सर्वे (Feasibility Survey) का ठेका देना तय किया है। 55.60 लाख का भुगतान प्राधिकरण कम्पनी को करेगा और 6 माह के भीतर 11 प्रस्तावित ओवरब्रिजों की सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) कम्पनी तैयार कर प्राधिकरण को सौंपेगी। दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) में शासन की ओर से 150 करोड़ रुपए मिलना है। लिहाजा नगरीय विकास मंत्री से अनुरोध किया गया है कि यह लम्बित राशि जल्द ही मंजूर करें, ताकि प्रोजेक्टों का काम प्रभावित ना हो।
प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अभी 11 ओवरब्रिजों की फिजिबिलिटी सर्वे के आए 4 टेंडरों को रखा गया, जिसमें टेक्नोजेम का टेंडर उचित पाया गया। रेडिसन (Radisson), रोबोट चौराहा (Robot Chauraha), खजाना, मूूसाखेड़ी, भंवरकुआ, विजय नगर, लवकुश चौराहा, महु नाका, रीगल और एयरपोर्ट रोड देपालपुर (Airport Road Depalpar) पर ये ओवरब्रिज प्रस्तावित हैं। फिजिबिलिटी सर्वे के बाद कहां-कहां ओवरब्रिज बनना है इसका निर्णय लिया जाएगा। दूसरी तरफ कल भोपाल में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silawat) ने नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra Singh) से मुलाकात की और इंदौर में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी और यह भी बताया कि इंदौर स्मार्ट सिटी डवलपमेंट लिमिटेड द्वआरा 5522 करोड़ के प्रोजेक्टों का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें एक हजार करोड़ की अनुदान राशि मंजूर की है। इसमें 500 करोड़ केन्द्र के मिल चुके हैं। शासन के 500 करोड़ में से 150 करोड़ बाकी हैं, जो जल्द ही स्मार्ट सिटी लिमिटेड को प्रदाय किए जाएं। वहीं यह मुद्दा भी उठा कि टीडीआर सर्टिफिकेट प्रदान करने की मंजूरी शासन ने दी और महीनों पहले टीडीआर पॉलिसी भी लागू कर दी, लेकिन यह टीडीआर सर्टिफिकेट (TDR Certificate) किन क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जा सकता है उसका रिसिविंग एरिया अभी तक शासन ने नोटिफाइड नहीं किया है, जिसके चलते ये सारे सर्टिफिकेट अभी कागजी ही साबित हो रहे हैं। लिहाजा श्री सिलावट ने मांग की कि जल्द ही रिसिविंग एरिया यानी निर्धारित प्राप्ति क्षेत्र भी तय किया जाए। मध्यप्रदेश हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018 में यह प्रावधान किया गया कि लोक परियोजना के लिए ली जाने वाली जमीन के एवज में विकास अधिकार प्रमाण-पत्र यानी टीडीआर सर्टिफिकेट (TDR Certificate) जारी किए जाएंगे और यह सर्टिफिकेट किसी उत्पादन क्षेत्र यानी जनरेटिंग एरिया में लोक परियोजना के लिए ली गई भूमि के बदले दिए जाएंगे। इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर से लेकर नगर निगम ने मध्य क्षेत्र में जो सडक़ें चौड़ी कीं, जिनमें निजी मकान, दुकान तोड़े गए और उसके बदले ये टीडीआर सर्टिफिकेट (TDR Certificate) दिए गए हैं। वहीं मास्टर प्लान के प्रस्तावित प्रमुख मार्गों के निर्माण की जानकारी भी विभागीय मंत्री के समक्ष रखी गई, जिसमें पर 34.69 करोड़ की राशि खर्च की जाना है।
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