नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया (Austrelia) की ओलंपिक कांस्य और रजत पदक (Olympic Bronze and Silver Medals) विजेता जेसी फॉक्स टोक्यो ओलंपिक्स 2020 (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक (Silver Medals) जीत चुकी हैं लेकिन उनके फैंस को शायद ही अंदाजा होगा कि ये लोकप्रिय एथलीट कैनो स्लेलम में इस्तेमाल होने वाले कायक बोट (कश्ती) को ठीक करने के लिए कॉन्डम की इस्तेमाल करती हैं.
27 साल की फॉक्स सिडनी से ताल्लुक रखती हैं और वे टोक्यो ओलंपिक के कैनोन स्लेलम इवेंट में 106.73 टाइम के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. फॉक्स इस ओलंपिक्स में गोल्ड की उम्मीद लगा रही थी. यही कारण है कि वे इस इवेंट के खत्म होने के बाद काफी ज्यादा निराश नजर आई थीं. हालांकि उनका एक इवेंट अभी बचा हुआ है. हालांकि वे इस रेस में वे फास्टेस्ट थीं लेकिन टाइम पेनल्टी के चलते उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. गौरतलब है कि फॉक्स तीन बार की कैनोन स्लेलम K1 वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं. उन्होंने साल 2012 में लंदन ओलंपिक्स में सिल्वर पदक हासिल किया था. इसके अलावा वे साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक्स में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही थीं.गौरतलब है कि फॉक्स के पेरेंट्स भी ओलंपिक गेम्स में हिस्सा ले चुके हैं. उनके पिता रिचर्ड ने ग्रेट ब्रिटेन के लिए साल 1992 में हुए बार्सिलोना ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया था. वे पांच बार के विश्व चैंपियन थे और उन्होंने बार्सिलोना ओलंपिक गेम्स में चौथा स्थान हासिल किया था.
फॉक्स की मां मरियम ने फ्रांस के लिए साल 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक्स और साल 1996 में हुए अटलांटा ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया था. उन्होंने अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में भी कामयाबी पाई थी. वे दो बार विश्व चैंपियन रह चुकी हैं. फॉक्स के माता-पिता भी कैनो स्लेलम एथलीट रहे हैं.
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