मंदसौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के मंदसौर में जहरीली शराब कांड (Mandsaur Poisonous Liquor Case) की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (Rajesh Rajora) को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। 3 सदस्यों की इस टीम में 2 आईपीएस अफसरों को भी शामिल किया गया है। एसआईटी का सदस्य जीपी सिंह ADG सतर्कता पुलिस मुख्यालय, एमएस सिकरवार IG रेल भोपाल को बनाया है।
वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में जहरीली शराब मामले में तीन और लोगों की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो जाने से इस कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है, जबकि इस मामले में चार अन्य प्रभावितों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इससे पहले मंदसौर जिले के खाखराई गांव में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को किराने के एक दुकान से खरीदी गई शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
दिनभर कार्रवाई : इधर, मंगलवार दोपहर में रतलाम डीआइजी सुशांत सक्सेना की अगुआई में एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने 20 दल बनाकर सुजानपुरा में छापा मारा। मुख्य आरोपित जयपालसिंह परिवार समेत भाग गया। दल ने पिपलियामंडी की देशी शराब की दुकान सहित अन्य दुकानों की भी जांच की। इसमें पिपलियामंडी की देशी शराब की दुकान पर अनियमितता मिली है।
जिला आबकारी अधिकारी तबदला : मंगलवार को जिला आबकारी अधिकारी सीपी सांवले का तबादला उज्जैन फ्लाइंग स्क्वॉड में कर दिया। नीमच के जिला आबकारी अधिकारी को मंदसौर का प्रभार दिया है।
कमलनाथ का आरोप-घटना को छिपाने की कोशिश
कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि अब तक इस मामले में किसी भी उच्च स्तरीय जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं। नकली शराब कांड में पीड़ितों के लिए कोई राहत या आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी सरकार ने नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शराब व्यापार में शामिल माफिया को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है? दूसरी ओर मध्यप्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले कांग्रेस के शासन में बड़े अवैध शराब व्यापार के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है।’मालूम हो कि प्रदेश के गृह मंत्री ने सोमवार को इस घटना के सिलसिले में पुलिस थाना प्रभारी और एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया।