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ITR फाइल करने की डेडलाइन बढ़ी, एडवांस टैक्स में देरी पर देना होगा ब्याज

July 26, 2021

 

नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) ने कोरोना वायरस(Corona Virus)  महामारी को देखते हुए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन 30 सितंबर, 2021 तक जरूर बढ़ा दी है, लेकिन डेडलाइन बढ़ने का मतलब ये नहीं है कि आपको दंडात्मक ब्याज चार्ज (penal interest charge) से राहत मिल गई है, जिसका भुगतान सेल्फ असेसमेंट टैक्स (self assessment tax) या एडवांस टैक्स (advance tax) के केस में आउटस्टैंडिंग टैक्स लायबिलिटी (Outstanding Tax Liability) के मामले में जरूरी होता है. 

बकाया टैक्स पर लगेगा इंटरेस्ट

खबर के मुताबिक दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) 1961 के तीन सेक्शन 234A, 234B और 234C के तहत टैक्सपेयर्स को बकाया टैक्स पर इंटरेस्ट देना जरूरी होता है, अगर उसे इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में देरी होती है. सेक्शन 234A के मुताबिक, ITR फाइलिंग में देरी पर ब्याज लगता है. मान लीजिए कि ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2021 है और आपने 6 अगस्त, 2021 को फाइल किया. तब ऐसे केस में बकाया टैक्स अमाउंट पर हर महीने 1 परसेंट के हिसाब से ब्याज लगेगा. इस मामले में पूरे एक महीने का ब्याज चार्ज देना होगा, यानी 6 दिन की देरी को पूरे एक महने की देरी माना जाएगा. 

किस पर लगेगी इंटरेस्ट पेनल्टी?

हालांकि सेक्शन 234A के तहत उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलती है, जिनका सेल्फ असेसमेंट टैक्स 1 लाख रुपये तक है. लेकिन अगर टैक्स लायबिलिटी 1 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें देरी पर ब्याज देना होगा. इसलिए भले ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 30 सितंबर हो, अगर आपकी टैक्स लायबिलिटी 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अगस्त और सितंबर के लिए 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा. मान लीजिए की डेडलाइन 30 सितंबर के बाद भी आगे बढ़ती है, तो उसी हिसाब से ब्याज भी लगता रहेगा. 


एडवांस टैक्स में देरी पर देना होगा ब्याज

इसी तरह सेक्शन 234B के तहत, अगर किसी टैक्सपेयर ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या फिर टैक्स देनदारी का 90 परसेंट से कम चुकाया है, तो उसे भी 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा. आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 208 के मुताबिक अगर किसी साल के लिए किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी 10,000 रुपये या इससे ज्यादा हो जाती है तो उसे एडवांस टैक्स चुकाना होता है. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहता है तो सेक्शन 234B के तहत हर महीने 1 परसेंट के हिसाब से इंटरेस्ट चुकाना होगा या अप्रैल से वास्तविक टैक्स पेमेंट की तारीख तक उसे टैक्स चुकाना होगा. 

सेक्शन 234C के तहत एडवांस टैक्स इंस्टॉलमेंट्स पेमेंट के डिफॉल्टर्स पर ब्याज लगाया जाता है. आपको बता दें कि टैक्सपेयर्स को जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च की 15वीं तारीख तक एडवांस टैक्स का 15 परसेंट, 45 परसेंट, 75 परसेंट और 100 परसेंट का पेमेंट करना होता है. अगर एडवांस टैक्स पेमेंट में कमी रहती है तो उस तिमाही में 3 परसेंट का इंटरेस्ट लगता है. 

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