– महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज
नई दिल्ली। सेना के तीनों अंगों (three wings of the army) ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा (Maharashtra, Karnataka and Goa) में बाढ़ के हालात को ‘युद्ध जैसे हालात’ मानकर केंद्रीय युद्ध कक्ष (central war room) स्थापित किया है। सेनाओं ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए नागरिक प्रशासन के साथ-साथ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ हाथ मिलाया है। सेना के तीनों अंगों की टीमें बाढ़ प्रभावित स्थानीय लोगों को भोजन, पानी, चिकित्सा मुहैया कराने के अलावा उन्हें बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। अधिक बचाव दल और विमान तैनाती के लिए तैयार हैं।
सेना के दक्षिणी कमान मुख्यालय के अनुसार क्षेत्र बस्तवाड़, कोहलापुर में फंसे 70 से अधिक स्थानीय लोगों को बचाया गया है। अन्य स्थानीय लोगों के लिए निकासी अभियान जारी रहेगा। इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर स्थापित किया गया है जहां बचाए गए स्थानीय लोगों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है। चिपलून और रत्नागिरी के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र को साफ करने में सेना के जवान लगे हैं और फंसे हुए स्थानीय लोगों को निकालने का कार्य भी प्रगति पर है। इन दोनों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी चिकित्सा शिविर लगाकर स्थानीय लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। सेना ने बाढ़ राहत अभियान तेज करके प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में नागरिकों को बचाया है।
स्थानीय लोगों को आवश्यक प्राथमिक उपचार और दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सेना की मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। स्थानीय लोगों को भोजन और पीने के पानी सहित आवश्यक रसद भी उपलब्ध कराई जा रही है। पुणे स्थित सेना के दक्षिणी कमान मुख्यालय में बाढ़ राहत अभियान कक्ष स्थापित किया गया है और दस अतिरिक्त बाढ़ राहत टीमों को आपात स्थिति के लिए अलर्ट पर रखा गया है। भारतीय सेना की टुकड़ियों ने एनडीआरएफ के साथ मिलकर रत्नागिरी क्षेत्र में बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन को हटाकर सड़क संचार बहाल किया है और नागरिक प्रशासन के समर्थन से बाढ़ राहत अभियान जारी है। भारतीय सेना ने सांगली में कोयना नदी के तट पर ग्राम बुरली में बाढ़ के कारण फंसे ग्रामीणों को बचाया।
सेना के जवानों ने कोल्हापुर में पंचगंगा और वेना नदी के संगम पर गांव तकली से स्थानीय लोगों को निकाला। भारतीय सेना की बाढ़ राहत कॉलम ने बस्तवाड़, कोल्हापुर में कई स्थानीय लोगों को बचाया और यहां भी प्रभावित नागरिकों को चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जा रही है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी, कोल्हापुर और सांगली जिलों के प्रशासन के साथ करीबी समन्वय बना कर काम करते हुए भारतीय सेना ने प्रभावित क्षेत्रों में इन्फैंट्री, इंजीनियर्स, संचार, रिकवरी और मेडिकल टीमों सहित अपनी टास्क फोर्से को तैनात किया है। इन टीमों ने चिपलून, शिरोल, हाटकंगल, पलुस और मिराज क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य किया और कीमती जानें बचाईं।
कर्नाटक में भारतीय नौसेना ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए नौसेना के गोताखोरों, रबर ‘जेमिनी’ नावों, लाइफ जैकेट और चिकित्सा उपकरणों के साथ सात बेहतर ढंग से सुसज्जित बाढ़ राहत दलों की तैनाती की है। इन टीमों ने कादरा बांध के पास सिंगुड्डा और भैरे गांवों से 165 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला, जबकि 70 लोगों को कैगा के निचले इलाकों से निकाला गया। नौसेना के सीकिंग, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर और भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने अनेक उड़ानें भरीं और जल स्तर में अचानक और तेज वृद्धि के कारण फंसे लोगों की जान बचाई। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया ताकि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का आकलन कर सकें और बचाव एवं राहत कार्यों की योजना बना सकें।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए अपने संसाधनों को तैनात किया है। आईसीजी ने आपदा राहत दल (डीआरटी) को जेमिनी नाव और जीवन रक्षक गियर के साथ भेजा है। विशेष रूप से महाराष्ट्र के चिपलून एवं महाड और कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के उमलिजूग, खड़गेजूग, बोडजुग द्वीप और किन्नर गांव में टीमों ने फंसे हुए लोगों को निकाला और राहत सामग्री मुहैया कराई। गोवा में आईसीजी विमानों ने गंजम बांध, उसगांव और कोडली क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। एक आईसीजी हेलीकॉप्टर ने फंसे हुए लोगों के लिए भोजन के पैकेट और पीने के पानी सहित लगभग 100 किलोग्राम राहत सामग्री को हवा में गिराया।
रत्नागिरी में तटरक्षक वायु स्टेशन की सेवाओं को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमों के एयरलिफ्टिंग के लिए भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के विमानों तक भी बढ़ाया जा रहा है ताकि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके। आईसीजी ने अब तक इन तीन राज्यों में 215 लोगों की जान बचाई है। आईसीजी के आपदा राहत दल, जहाज और विमान जरूरत पड़ने पर तत्काल तैनाती के लिए स्टैंडबाय पर हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय रखा जा रहा है। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना भी तीनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में नागरिक प्रशासन और राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सहायता प्रदान कर रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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