इंदौर। भंवरकुआं चौराहे को संवारने और लेफ्ट टर्न की रोटरियां चौड़ी करने का मामला तीन सालों से अटका था। कल विश्वविद्यालय ने खाली पड़ी जमीन पर थाना भवन और मंदिर के लिए जमीन देने पर सहमति दे दी है। जल्द ही वहां शिफ्टिंग के काम के साथ-साथ चौराहे के चारों कोनों के कब्जे हटाने का अभियान शुरू होगा। कल यातायात पुलिस के अधिकारियों ने वहां दौरा किया था और अब एक-दो दिन में निगम के अफसरों की टीम पहुंचकर कब्जों और गुमटियों का निरीक्षण करेगी। पूर्व में भी इस मामले में नोटिस थमाए गए थे।
शहर के सबसे बड़े भंवरकुआं चौराहे को संवारने का मामला कागजों में उलझकर रह गया था। सबसे पहले अग्निबाण ने ही इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और दो दिन पहले भी निगम की आर्थिक हालत कंगाल होने के चलते चौराहों के काम अटकने की रपट छापी थी, जिसके बाद जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की टीम हरकत में आई। कल विवि ने भंवरकुआं थाना परिसर और मंदिर के लिए वहां जमीन देने पर सहमति दे दी, जिसके बाद अब आने वाले दिनों में जल्द ही थाना भवन और मंदिर शिफ्ट होंगे। इस चौराहे के लिए नगर निगम ने पहले ही प्लानिंग कर रखी है। अब एक-दो दिन में नगर निगम के अधिकारियों की टीम वहां फिर यातायात पुलिस के अफसरों के साथ मौका निरीक्षण करने जाएगी और चारों कोनों पर हुए अवैध निर्माण और कब्जों को हटाने की रणनीति तैयार होगी।
15 से ज्यादा गुमटियां और कब्जे हटेंगे
पूर्व में चौराहे को संवारने और उसके लेफ्ट टर्न चौड़े करने के मामले को लेकर सर्वे कराया गया था। यह सर्वे तीन साल पहले हुआ था और उसके बाद वहां लगातार कब्जे बढ़ते रहे। इसीलिए अब मौका निरीक्षण की जरूरत पड़ रही है। नगर निगम ने 15 से ज्यादा गुमटियों और कब्जेधारियों को चौराहा संवारने के लिए पूर्व में नोटिस दिए थे, लेकिन काम ही शुरू नहीं हो पाया था।
खान-पान के ठीये, लगता है जाम
भंवरकुआं के चौराहे पर टेम्पो स्टैंड के समीप और आसपास के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर खान-पान की होटलें हैं। वहां आए दिन भीड़ लगने के कारण लोग सडक़ तक खड़े होकर नाश्ता करने से लेकर चाय पीते हैं। वहीं दूसरी ओर आसपास के हिस्सों में चाट-पकौड़े के ठेले-खोमचे लगना शुरू हो गए थे और यह सिलसिला लगातार जारी है।
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