नई दिल्ली/श्रीनगर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कई टीमों ने एक कथित अवैध हथियार लाइसेंस मामले (Arms license case) में इसकी जांच के संबंध में शनिवार को त्वरित कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में दो आईएएस (IAS)अधिकारियों के आवासीय परिसरों सहित 40 स्थानों (40 places) पर तलाशी (Raids) ली।
दिल्ली में सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला और दिल्ली में लगभग 40 स्थानों पर छापेमारी कर रही है, जिसमें कुछ तत्कालीन लोक सेवकों (आईएएस, केएएस अधिकारियों सहित तत्कालीन डीएम एवं एडीएम आदि) के आधिकारिक और आवासीय परिसर शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि हथियार लाइसेंस रैकेट से जुड़े एक मामले में चल रही जांच के तहत वह करीब 20 बंदूक घरों (गन हाउस) या डीलरों की तलाशी भी ले रहा है।
सीबीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि तलाशी शनिवार अलसुबह शुरू हुई।
एजेंसी के एक सूत्र ने खुलासा किया कि सीबीआई श्रीनगर के पूर्व उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और एक अन्य आईएएस अधिकारी नीरज कुमार सहित अन्य के परिसरों की तलाशी ले रही है।
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर और केंद्र सरकार के आदेश पर दो मामले दर्ज किए थे। सीबीआई ने 17 मई, 2018 को तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में 2012 और 2016 के बीच की अवधि के दौरान हथियार लाइसेंस जारी करने के आरोपों पर दो प्राथमिकी की जांच का जिम्मा संभाला था। यह आरोप लगाया गया है कि गैर-हकदार व्यक्तियों को 2.78 लाख से अधिक हथियार लाइसेंस जारी किए गए थे।
सीबीआई ने कथित रूप से जम्मू-कश्मीर के 22 जिलों में फैले उक्त सशस्त्र लाइसेंस जारी करने से संबंधित दस्तावेज भी एकत्र किए हैं।
अधिकारी ने कहा कि दस्तावेजों की जांच के दौरान कुछ बंदूक डीलरों की भूमिका पाई गई है, जिन्होंने संबंधित जिलों के तत्कालीन डीएम और एडीएम सहित लोक सेवकों की मिलीभगत से अपात्र व्यक्तियों को इस तरह के अवैध हथियार लाइसेंस जारी किए थे।
उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया है कि जिन लोगों को ये लाइसेंस मिले हैं, वे उन जगहों के निवासी नहीं थे, जहां से उक्त शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए थे।
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