हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जब यूरिन में क्रिस्टल फॉर्म करने वाले मिनरल्स अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं तो इससे किडनी में स्टोन का खतरा बढ़ता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब पेशाब में कैल्शियम, यूरिक एसिड और ऑक्सलेट हाई कंसन्ट्रेशन में पाया जाता है तो क्रिस्टल्स बनते हैं जो आपस में चिपकने लगते हैं जो स्टोन का रूप लेती है। बता दें कि गुर्दे में पथरी का आकार रेत के कण जितना छोटा और गेंद जितना बड़ा हो सकता है।
कोरोना काल में इंफेक्शन के खतरे को कम करने के लिए कई लोगों ने विटामिन-सी (vitamin C) का सेवन शुरू कर दिया। विटामिन सी युक्त फूड आइटम्स इम्युनिटी (immunity) बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। लेकिन किसी भी चीज की अति हानिकारक साबित हो सकती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा विटामिन सी का इस्तेमाल शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
विटामिन-
सी और किडनी स्टोन:
कुछ स्टडीज के मुताबिक विटामिन सी के सप्लीमेंट्स ज्यादा लेने से यूरिन में ऑक्सलेट (oxtail) की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से किडनी में स्टोन की मात्रा बढ़ सकती है। ऐसे में लोगों को इसके अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। खट्टे फलों का सेवन भी सीमित मात्रा में करें।
पानी की कमी:
किडनी में स्टोन (kidney stone) की परेशानी से बचने के लिए लोगों को ज्यादा पानी पीना चाहिए। कम पेय पदार्थ के सेवन से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या आ सकती है जिससे स्टोन का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को नियमित रूप से दिन में दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए। साथ ही, डिटॉक्स ड्रिंक का सेवन भी फायदेमंद होगा।
गाउट जैसी बीमारी:
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्लड में यूरिक एसिड जब उच्च मात्रा में मौजूद होता है तो गाउट जैसी हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। इस बीमारी में जोड़ों और किडनी में क्रिस्टल्स फॉर्म होने लगते हैं। ऐसे में किडनी में पथरी का खतरा बढ़ता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना उद्देश्य के लिए है इन्हें किसी चिकित्सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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