चंडीगढ़ । पंजाब (Punjab) में कमान अब नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के हाथ में आ चुकी है. सिद्धू ने शुक्रवार को 10 हजार से ज्यादा समर्थकों के बीच अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली. सिद्धू की ताजपोशी के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) भी मौजूद रहे. पिछले कई महीनों से विवादों में रही कांग्रेस (Congress) ने ये दिखाने की कोशिश की कि अब सबकुछ ठीक हो चुका है. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की चाय पार्टी से पहले जो कुछ भी हुआ उसे जानने के बाद अभी भी कांग्रेस के अंदर के मतभेद पूरी तरह से खत्म होते दिखाई नहीं पड़ते हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू से पिछले कई महीनों से चले आ रहे विवाद के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के तेवर अब नरम पड़ते दिखाई पड़ रहे हैं. सिद्धू से मुलाकात करने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कह दिया था कि जब तक नवजोत सिंह सिद्धू सोशल मीडिया पर दिए अपने बयानों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक वो सिद्धू से मुलाकात नहीं करेंगे. हालांकि कैप्टन ने इस बात को दरकिनार कर सिद्धू को चाय पार्टी पर मुलाकात के लिए बुलाया. कैप्टन की चाय पार्टी के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच की दूरी साफ दिखाई दी. पार्टी की शुरुआत में ही दोनों के बीच उस समय मतभेद साफ दिखाई दिए जब पंजाब भवन से नवजोत सिंह सिद्धू , कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिले बिना ही चले गए. इस बात की जानकारी जैसे ही प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लगी उन्होंने फोन कर सिद्धू को वापस पंजाब भवन पहुंचने को कहा.
दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी से पहले कैप्टन ने सभी त्रियों, विधायकों और सांसदों को कांग्रेस भवन में चाय पर बुलाया था. नवजोत सिद्धू जब पंजाब भवन पहुंचे तब तक कैप्टन वहां नहीं आए थे.सिद्धू ने कुछ देर विधायकों से बात की उसके बाद वह पंजाब भवन से निकल गए. इस बात की जानकारी प्रियंका गांधी को दी गई. प्रियंका गांधी ने तुरंत नवजोत सिद्धू को फोन करके वापस पंजाब भवन पहुंचने को कहा, जहां पहले से कैप्टन मौजूद थे.
मुलाकात के दौरान सिद्धू में नहीं दिखा जोश
नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह भले ही एक साथ काम करने को तैयार हों लेकिन चाय पार्टी के दौरान दोनों के बीच दूरियां साफ दिखाई दीं. सिद्धू जब दोबारा पंजाब भवन पहुंचे तो कैप्टन अमरिंदर सिंह वहां मौजूद थे. सिद्धू ने इस दौरान दूर से ही फतेह बुलाई और पूरे जोश के साथ गले मिलने के अपने चिर-परिचित अंदाज में कैप्टन से मिलने से परहेज किया. ऐसा कहा जा रहा था कि कैप्टन के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेता अपने गिले-शिकवे दूर कर लेंगे और दोनों साथ में पंजाब भवन से निकलेंगे, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला.
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