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मप्रः मुख्यमंत्री ने 328 बाल हितग्राहियों के खाते में अंतरित किये 16.40 लाख रुपये

July 20, 2021

कहा- जीवित समाज के रहते कोई कैसे हो सकता है अनाथ

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने सोमवार को कोविड-19 बाल सेवा योजना के अंतर्गत सिंगल क्लिक से 16 लाख 40 हजार रुपये की राशि 328 बाल हितग्राहियों के खाते में अंतरित की। उन्होंने कहा कि एक जीवित और जागरूक समाज के रहते हुए कोई कैसे अनाथ रह सकता है। उन्होंने कहा कि योजना के हितग्राहियों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह, भोजन के लिए राशन की व्यवस्था, शिक्षा के लिए भारत में कहीं भी शिक्षा का वहन राज्य सरकार करेगी।

शिक्षा संबंधी सभी जिम्मेदारियां राज्य सरकार वहन करेगी
मुख्यमंत्री चौहान ने बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर के अंतर्गत इंदौर, राजगढ़, सिवनी, बैतूल, मंदसौर, सतना एवं ग्वालियर के 13 बच्चों और अभिभावकों से वर्चुअली बातचीत की। उन्होंने बताया कि बाल सेवा योजना में माता-पिता अथवा घर में कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हो जाने से उनके आश्रित बच्चों को प्रति सदस्य 5 हजार रुपये प्रति माह, राशन एवं उनकी शिक्षा संबंधी सभी जिम्मेदारियां राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी।

बच्चों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी यदि अन्य कोई आवश्यकता होगी, तो कलेक्टर्स उनकी देखभाल करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की देखभाल के लिए हर जिले में एक पालक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवित समाज के रहते कोई कैसे अनाथ हो सकता है। मैं ऐसे ही नहीं कह रहा, दुनिया में अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी, वे आगे बढ़े और इतने आगे बढ़े कि समाज के पथ प्रदर्शक बनें। गोस्वामी तुलसीदास, विवेकानंद, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन, आदि गुरू शंकराचार्य, मिल्खा सिंह, नेल्सन मंडेला, स्टीव जाव्स सहित अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में दुनिया को दिशा दिखाई।

इंदौर कलेक्टर के संज्ञान पर मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा मुख्यमंत्री चौहान के संज्ञान में लाया गया कि एक प्रकरण में बाल सेवा योजना के हितग्राही बच्चों की दादी ने उनके माता-पिता के मकान को जिसकी लागत लगभग एक करोड़ थी, औने-पौने दाम में 40 लाख रुपये में बेचे जाने का मामला सामने आया। इस पर प्रशासन द्वारा हस्तक्षेप कर प्रकरण में कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री ने तुरंत सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि ऐसे प्रकरणों के सामने आने पर तुरंत कार्रवाई कर हितग्राहियों की सम्पत्ति को सुरक्षित एवं संरक्षित करें। माता-पिता की संपत्ति उनके बच्चों के नाम ही हो, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कलेक्टर इंदौर की पहल को अनुकरणीय बताया।

स्पॉन्सरशिप योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत 223 हितग्राहियों को दो हजार रुपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही के रूप में 4 लाख 46 हजार रुपये की राशि अंतरित की गई। हितग्राही जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2021 से पहले हुई हो, उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हो, उन्हें इस योजना का लाभ दिलाने के लिए भारत सरकार की स्पॉन्सरशिप योजना का सरलीकरण किया गया।

फोस्टर पेरेंट्स योजना के तहत किया मोटिवेट
मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर की विभा अनेजा एवं ज्योति भावना से चर्चा की गई। विभा द्वारा, स्वयं के बच्चे होते हुए भी 2 बालिकाओं को फोस्टर केयर पर लिया गया। इसके बाद एक बालिका, जो पॉक्सो पीड़ित थी, को फोस्टर केयर पर लिया गया था। बालिकाओं को शिक्षा के साथ पढ़ाई और व्यवसायिक प्रशिक्षण कराया जा रहा है। इसके अलावा ज्योति भावना की अशासकीय संस्था द्वारा 8 बालिकाओं को फोस्टर केयर में लिया गया है, जिन्हें दो हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। (एजेंसी, हि.स.)

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