मुंबई: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर्स राज कुमार (Raaj Kumar), वहीदा रहमान (Waheeda Rehman), मनोज कुमार (Manoj Kumar) और बलराज साहनी के अभिनय से सजी फिल्म ‘नीलकमल’ (Neel Kamal) कालजयी फिल्मों में से एक है. इस फिल्म का गाना ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ आज भी किसी लड़की की विदाई पर लोगों को भावुक कर देता है. इसके अलावा ‘आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार’, ‘मेरे रोम-रोम में बसने वाले राम’ भी सदाबहार गानों में से एक है.
राम माहेश्वरी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘नीलकमल’ नींद में चलने वाली एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसका संबंध उसके पूर्व जन्म से जुड़ा हुआ है. इस फिल्म में दिग्गज एक्टर राज कुमार ने मूर्तिकार का रोल प्ले किया था जबकि वहीदा रहमान डबल रोल में थीं. दोनों जन्मों का किरदार निभाया था. इस फिल्म की शूटिंग से जुड़ा एक किस्सा है.
फिल्म में राज कुमार को आभूषण पहनना था. बेहद जिद्दी और अपनी शर्तों पर फिल्में करने के लिए मशहूर राज कुमार को उस समय गुस्सा आ गया जब उन्होंने देखा कि उनके पहनने वाले आभूषण नकली हैं. राज कुमार ने फिल्म मेकर्स से कहा कि पहनूंगा तो असली आभूषण नहीं तो शूटिंग नहीं करूंगा’.
राज कुमार की इस जिद के आगे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर नतमस्तक हो गए. असली गहने आने तक फिल्म की शूटिंग रूकी रही, क्योंकि उस जमाने में हर चीज हर वक्त नहीं मिल पाती थी. खैर मेकर्स ने असली जेवर मंगवाए और राज कुमार ने पूरे ठसक के साथ पहना और शॉट दिया. इस तरह फिल्म की शूटिंग आगे बढ़ी.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने दमदार अभिनय और संवाद अदायगी के अलावा अपनी ठसक की वजह से प्रसिद्ध राज कुमार सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में किसी जिद्दी ‘राजकुमार’ से कम नहीं थे. उनकी आदतों से जुड़े हजारों किस्से हैं, जिसे लोग अक्सर याद करते रहते हैं. बता दें कि 40 के दशक में राज कुमार एक्टर नहीं बल्कि पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर हुआ करते थे. 1952 में फिल्म ‘रंगीली’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे सिने जगत पर छा गए.
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