डेस्क। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाया जाता है. इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. इस साल यह पावन तिथि 23 जुलाई 2021 को प्रात:काल 10:43 बजे से आरंभ होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी. चूंकि भारतीय संस्कृति में गुरु को गोविंद से बड़ा मानती है, इसलिए गुरुओं को समर्पित इस पावन पर्व की महत्ता अपने आप समझी जा सकती है.
कैसे करें गुरु का पूजन
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान करके सबसे पहले अपने गुरु की पूजन सामग्री तैयार करें. जिसमें फूल-माला, तांबूल, श्रीफल, रोली-मोली, जनेउ, सामथ्र्य के अनुसार दक्षिणा और पंचवस्त्र लेकर अपने गुरु के स्थान पर जाएं. उसके बाद अपने गुरु के चरणों को धुलकर उसकी पूजा करें और उन्हें अपने सामथ्र्य के अनुसार फल-फूल, मेवा, मिष्ठान और धन आदि देकर सम्मानित करें.
पूर्णिमा के चमत्कारी उपाय
- पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर की जड़ों में मीठा जल डालने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने साधक पर पूरी कृपा बरसाती है.
- पूर्णिमा की शाम को पति-पत्नी यदि साथ मिलकर चंद्रमा का दर्शन और उन्हें गाय के दूध का अघ्र्य देते हैं तो उनके दांपत्य जीवन में मधुरता आती है.
- पूर्णिमा की शाम को तुलसी जी के सामने शुद्ध देशी घी का दिया जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- पूर्णिमा की शाम को चंद्र दर्शन करने के बाद दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर चंद्रमा को अघ्र्य देने से चंद्र दोष दूर होता है. अघ्र्य देने के बाद चंद्रदेव के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’का जप करना न भूलें.
पूर्णिमा के दिन कभी न करें ये काम
- पूर्णिमा के दिन अपने घर को गंदा करके न रखें.
- पूर्णिमा के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.
- पूर्णिमा के दिन किसी बुजुर्ग या स्त्री का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
- पूर्णिमा के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
साल 2020 में कब-कब पड़ेगी पूर्णिमा
दिनांक पूर्णिमा
- 24 जुलाई 2021 आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
- 22 अगस्त 2021 श्रावण पूर्णिमा व्रत
- 20 सितंबर 2021 भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
- 20 अक्टूबर 2021 अश्विन पूर्णिमा व्रत
- 19 नवंबर 2021 कार्तिक पूर्णिमा व्रत
- 19 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत