नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण (corona infection) का खतरा न टलने के बावजूद केरल सरकार (Kerala government) ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन (lockdown) में ढील देने का ऐलान किया है। केरल सरकार के इस फैसले से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने आपत्ति दर्ज की है और उसने साफ कहा है कि अगर केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में रियायत देने का आदेश वापस नहीं लिया तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगा। बता दें कि केरल अभी भी उन राज्यों में से एक है जहां हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं।
केरल सरकार का फैसला दुखी करने वाला
IMA ने अपने बयान में कहा- कोरोना मामलों में इजाफे के बीच केरल सरकार का इस तरह का फैसला दुखी करने वाला है। जब जम्मू-कश्मीर ,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई उत्तरी राज्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर परंपरिक और लोकप्रिय तीर्थ यात्राओं को रोक दिया है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के विद्वान राज्य ने ऐसा निर्णय लिया है।”
ईद के तीन दिन पहले से दी गई छूट
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को ऐलान किया था कि बकरीद के मौके पर राज्य में लगे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी। इस बुधवार को होने वाली ईद के लिए रविवार से यह छूट तीन दिन के लिए दी गई है। इस दौरान कपड़े, जूते-चप्पल की दुकान, ज्वैलरी की दुकान, गिफ्ट आइटम की दुकान, घर के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर और रिपेयरिंग सेंटर को खोलने की मंजूरी दी गई है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने फिल्मों की शूटिंग और पूजा स्थलों को भी लॉकडाउन संबंधित छूट देने की घोषणा की है। इसको लेकर विजयन ने तर्क दिया कि प्रतिबंध चाहे कितना भी सीमित क्यों न हो, बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए कोरोना के रोजाना सामने आ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए कुछ रियायतें दी जा रही है।
इस तरह की ढील से मिलेगा महामारी को बढ़ावा
बता दें कि केरल में कोरोना के 16,148 नए मामले दर्ज किए गए हैं, इसके साथ ही 114 लोगों की मौत हुई थी। यहां कोविड पॉजिटिविटी रेट 10.76 फीसदी पर है। ऐसे में आईएमए ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि बकरीद के धार्मिक आयोजन पर राज्य में लॉकडाउन में ढ़ील देने से कोरोना महामारी को बढ़ावा मिल सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved