उज्जैन। कोरोना महामारी अप्रैल और मई महीने में भयंकर रूप से फैली हुई थी और उस दौरान भी नगर निगम की संपत्ति कर वसूली पर इसका कोई असर नहीं हुआ। नगर निगम द्वारा की गई वसूली के कारण ही यहाँ के खर्चे चल रहे हैं।
पिछले साल कोरोना के कारण संपत्ति कर की वसूली थोड़ी कम हुई थी और 25 करोड़ आंकड़ा पहुंचाने में रात-दिन एक करना पड़े थे लेकिन इस बार भी कोरोना है और इसके बावजूद संपत्ति कर की वसूली अच्छे ढंग से हो रही है। संपत्ति कर विभाग के कर्मचारी घर-घर दस्तक दे रहे हैं और बकाया होने को कह रहे हैं इसका असर यह हुआ कि विगत 3 माह में संपत्ति कर 8 करोड़ 21 लाख से अधिक वसूल हुआ है। यदि इसी प्रकार की तिमाही चलती रही तो इस बार संपत्ति कर का आंकड़ा 30 करोड़ पार कर सकता है। संपत्ति कर नोडल अधिकारी उपायुक्त कल्याणी पांडे ने बताया संपत्ति कर वसूली के लिए कर्मचारियों को अलग से लगाया गया है, वहीं नामांतरण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है कि नामांतरण के पेंडिंग मामले तत्काल निपटाए जिससे की संपत्ति कर की वसूली बढ़ पाए। इसके अलावा निगम आयुक्त के निर्देश पर आने वाले दिनों में औद्योगिक क्षेत्रों और व्यवसाय क्षेत्रों में संपत्ति कर वसूली के विशेष कैंप लगाए जाएंगे जिससे संपत्ति कर की वसूली और बढ़ सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 25 करोड़ संपत्ति कर की वसूली हुई थी और इसके पहले वाले वर्ष में 27 करोड़ के करीब संपत्ति कर वसूला गया था। उस मान से अभी संपत्ति कर कम आ रहा है। शहर में संपत्तियाँ अब डेढ़ लाख से अधिक हो गई है और कर की वसूली फिलहाल कम हो रही है। यदि ठीक ढंग से और 100 प्रतिशत संपत्ति कर की वसूली हुई तो संपत्ति कर का आंकड़ा 40 से 45 करोड़ के आसपास होना चाहिए। इसके लिए नगर निगम जीआइएस सर्वे करा रहा है लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण यह सर्वे रुक गया था जो अब फिर शुरू हो गया है। इस सर्वे के बाद भी संपत्ति कर बढऩे की।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved