देवशयनी एकादशी से शुरु होगा चातुर्मास, 18 जुलाई को भड़ली नवमी पर है लग्न का अबुझ मुहूर्त, इस दिन होगी कई शांदियां
कोरोना (Corona) की वजह से इस बार मई-जून (May-June) में सीमित शादियां (Weddings) हुईं, अब जुलाई में गिनती के तीन दिन विवाह के लिए बचे है, मई-जून में शादी करने से चूकने वालों के लिए इन तीन दिनों में शादी करने का मौका है, अगर चूक गए तो चार माह का लम्बा इंतजार करना पड़ेगा।
हालांकि शासन की गाइड लाइन (Guidelines) के मुताबिक विवाह समारोह (Marriage Ceremony) में शामिल होने वालों कीं संख्या अब 100 लोगों की कर दी गई है। वहीं बैण्डबाजे के लिए भी अनुमति पिछले दिनों दे दी गई थी। शहर में तीन दिन कोविड नियमों (Covid Rules) का पालन करते हुए शादियां होगी। इसके बाद चातुर्मास शुरू होने की वजह से चार माह लम्बा इंतजार करना होगा। देवशयन होने की वजह से 20 जुलाई से 14 नवंबर तक मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। देवशयन के बाद अगला विवाह मुहूर्त 15 नवंबर को रहेगा। नवंबर में देव प्रबोधिनी के अबूझ मुहूर्त को मिलाकर दिसंबर माह में छह शुभ मुहूर्त रहेंगे। 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में आने से धनुर्मास शुरू हो जाएगा।
शयन पर जाएंगे श्रीहरि
20 जुलाई को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योगनिद्रा में चले जाएंगे वहीं सावन में भोले का जागरण शुरु होगा। इसके बाद अगले 4 माह की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इन दिनों भगवान के शयन के कारण शादियों सहित शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। फिर 15 नवंबर को काॢतक महीने की एकादशी पर भगवान योग निद्रा में जागेंगे।
अब तीन मुहूर्त शेष
ज्योतिषाचार्य (Jyotishacharya) और पंचांगों के अनुसार जुलाई में अब 16, 17 और 18 जुलाई को विवाह किया जा सकता है। 18 जुलाई को भड़ली नवमी का अबूझ लग्न है। हालांकि कुछ पंचांगों में जुलाई में कम ही मुहूर्त बताए गए थे। इससे पहले मई व जून में 24 शुभ मुहूर्त थे। कोरोना महामारी और गाइड लाइन के चलते कई लोगों की शादियां नहीं हो पाई थी।
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