लखनऊ. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet reshuffle) में बड़े बदलाव के बाद अब उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें जोरों पर हैं. सूत्रों की मानें तो 5 से 7 दिन के अंदर योगी कैबिनेट का विस्तार (Yogi Cabinet Expansion) हो सकता है. इसे विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. कैबिनेट विस्तार की चर्चा ने सूबों के नेताओं में हलचल पैदा कर दी है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी 5-7 दिन के अंदर योगी मंत्रिमंडल के विस्तार (UP Cabinet Expansion) की अटकलें लगाई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, 5-6 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. बता दें कि कल बीजेपी कार्यसमिति की बैठक है जिसमें 2022 के चुनाव जीतने की रणनीति के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक 17 से 25 जुलाई के बीच यूपी में मंत्रीमंडल का विस्तार किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. यह देखना होगा कि इस विस्तार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सहयोगी दलों का भी समायोजन किया जा सकता है. अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह दी गई है. हालांकि, उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिला है. ऐसे में संभावना है कि उनकी पार्टी के कोटे से यूपी में एक मंत्री बनाया जाए. निषाद पार्टी के संजय निषाद ने खुलकर असंतोष जाहिर किया था. आगामी विस्तार में उन्हें भागीदारी देकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है. इसके अलावा, पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी से भी कुछ नए चेहरे को जगह दी सकती है.
पंचायत चुनाव का था इंतजार
सूत्रों के मुताबिक, योगी मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पिछले एक महीने से कवायद जारी है. हालांकि सहमति नहीं बन पा रही थी. पंचायत चुनाव का भी इंतजार था. अब क्योंकि पंचायत चुनाव संपन्न हो गए हैं, ऐसे में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. यूपी में अगले साल चुनाव हैं. इसलिए बीजेपी ने मिशन 2022 को पूरा करने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है. सभी समीकरणों को साधने की तैयारी है.
प्रधानमंत्री के दौरे से चर्चाएं तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के साथ ही सूबे में इस बात को लेकर खुसर-फुसर शुरू हो गई है कि क्या 2022 के चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए बीजेपी ने शंख फूंक दिया है? वाराणसी में पीएम मोदी अपने तमाम कार्यक्रमों के साथ एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना गैरवाज़िब भी नहीं है. अब ऐसे में एक प्रश्न और उठता है कि बीजेपी ने पूर्वांचल से इसकी शुरुआत क्यों की है? पार्टी को अच्छे से मालूम है कि पूर्वांचल जिसका सत्ता उसकी.
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