उज्जैन। बारिश की खेंच के चलते अभी 15 जुलाई तक पानी नहीं आया है, इससे डेम में अब बिल्कुल कम पानी बचा है। हर साल इस स्थिति से बचने के लिए पीएचई ने 22 करोड़ रुपए का पाइप लाइन विस्तारीकरण का प्रस्ताव शासन को दिया है, यदि यह मंजूर हो जाता है तो हर साल बारिश लेट भी होगी तो जल संकट की स्थिति नहीं बनेगी।
नर्मदा की पाइप लाइन महिदपुर तहसील तक डाली गई है जो उज्जैन से होकर गई है। यह पाइप लाइन गंभीर डेम के पास 8 किलोमीटर की दूरी से नईखेड़ी के पास से गई है। यदि 8 किलोमीटर की लाइन का विस्तारीकरण कर दिया जाए तो नर्मदा से सीधे गंभीर में पानी लाया जा सकता है और जल संकट के समय गंभीर डेम में नर्मदा से पानी डालकर जल प्रदाय व्यवस्था की जा सकती है। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने भी सौंपा है। मुख्यमंत्री ने भी इस पर विचार करने की सहमति दी है, यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो गंभीर डेम में बारिश की देरी के कारण जो स्थिति बनती है, वह हर साल नहीं बनेगी। इस साल भी मानसून करीब 1 महीने लेट हो चुका है। हर साल उज्जैन में 20 से 25 जून के बीच मानसून आ जाता है लेकिन इस बार मानसून कमजोर है और 15 जुलाई तक कुछ इंच वर्षा ही हुई है। इससे अभी तालाब और डेम में नाम मात्र का पानी भर आया है। इसी से निपटने के लिए 8 किलोमीटर की इस पाइप लाइन का प्रस्ताव शासन को दिया गया है। वर्तमान में गंभीर डेम में 155 एमसीएफटी पानी बचा है और 55 एमसीएफटी उपयोग का माने तो डेम में मात्र 8 बार का पानी बचा है, जल्दी बारिश नहीं हुई तो दिक्कतें बढ़ सकती है।
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