नई दिल्ली। हिंदुकुश की पहाड़ियों (Hindukush hills) से अमेरिकी सुरक्षाबलों (US security forces) के हटते ही अफगान सरकार (Afghan government) अब भारत(India), रूस(Russia), ईरान (Iran) और अमेरिका (America) के हवाई समर्थन से तालिबान (Taliban) को हराने के लिए तैयार है।
अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान पर एयर स्ट्राइस करने के लिए भारत, रूस, ईरान और अमेरिका से मदद मांगी है। अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही अफगान सरकार को विश्वास है कि हवाई हमलों के जरिये तालिबान को रोका जा सकता है। हालांकि अभी अफगान को तालिबान को रोकने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
अफगान सरकार के पास इस समय 162 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हैं। उसकी सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अमेरिका सरकार अफगान से न सिर्फ अपनी सेना को वापस बुला रही है बल्कि 16,000 सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर्स को भी हटा रही है।
ये सेक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर्स इन एयरप्लेन्स की देख रेख का जिम्मा संभाल रहे हैं, ताकि प्लाने को उड़ने के लिए तैयार किया जाए। इसके कारण बड़ी संख्या में अफगान एयरफोर्स को फोर्स की कमी का समाना करना पड़ रहा है। उनके अभाव में अफगानी वायुसेना कमजोर साबित हो रही है।
पोलिटिको पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान वायु सेना के पास ए-29 सुपर टूकानो स्ट्राइक एयरक्राफ्ट और एसी-208 कॉम्बैट कारवां विमान हैं। प्रोपेलर से चलने वाले ये दोनों विमान तालिबान के कब्जे वाले जमीनी ठिकानों पर लेजर गाइडेड बम दाग सकते हैं।
इसके अलावा अमेरिका ने अफगानों को नए ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की है। 2014 के बाद से अमेरिका ने हेलिकॉप्टर भेजे हैं,क्योंकि इसने अफगानों को रूसी निर्मित एमआई-17 वर्कहॉर्स हेलीकॉप्टर नहीं खरीदने के लिए मजबूर किया था।
तालिबान अच्छी तरह से जानता है कि अफगान हवाई शक्ति जीत, हार या ड्रॉ तय कर सकता है। इसे देखते हुए पाक समर्थित आतंकवादी समूह अफगान वायु सेना की शक्ति को कम करने के लिए उसके पायलटों की हत्या कर रहे हैं।
ऐसे में अफगानिस्तान, भारत, ईरान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित मित्र देशों से मदद मांगकर हवा में अपना प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
एक प्राइवेट टीवी के साथ साक्षात्कार में, भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने जोर देकर कहा कि जबतक अफगान सरकार के पास 15 से 20 एमआई-35 हेलीकॉप्टर, या 30 से 40 ब्लैक हॉक्स हैं, तो तालिबान अपना आधार बनाने में सक्षम नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, “तालिबान के पास वही उपकरण, हथियार और गोला-बारूद है जो हमारे पास है। हमारी श्रेष्ठता हवाई समर्थन में है और हम उस समर्थन की सराहना करते हैं जिसका अमेरिका ने हाल ही में वादा किया है कि वे हमें और अधिक हवाई समर्थन मुहैया कराएंगे।”
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