• img-fluid

    कोविड की दूसरी लहर के प्रभाव ने माइक्रोफाइनेंस और छोटे एनबीएफसी क्षेत्र की बढ़ाई चिंता

  • July 11, 2021

     

    नई दिल्ली।  दूसरी कोविड लहर (Covid Second Wave) के प्रभाव ने माइक्रोफाइनेंस (MFI) और छोटे एनबीएफसी (NBFC) क्षेत्र की रिकवरी की चिंता बढ़ा दी है, जो पहले से ही बढ़े हुए क्रेडिट संकट और वित्त वर्ष 2021 में एयूएम (AUM) में गिरावट से जूझ रहा था।

    तदनुसार, वित्तीय क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (credit rating agencies) द्वारा 13 जारीकर्ता डाउनग्रेड में से, दस जारीकर्ता छोटे एमएफआई (MFI) और एनबीएफसी (NBFC) क्हैं, जो असुरक्षित एमएसएमई (MSME) ऋण, व्यक्तिगत और वाहन ऋण प्रदान करने में लिप्त हैं।

    एक्यूइट रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च-2021 में संग्रह क्षमता में 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई थी, जो वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान घटकर 65-85 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है।

    रिपोर्ट के अनुसार, कम संग्रह के अलावा, इन छोटे दिग्गजों की ऋण जुटाने की क्षमता का अनुमान 50 प्रतिशत दिग्गजों (500 करोड़ से अधिक के ऋण पोर्टफोलियो वाले) को पर्याप्त धन प्राप्त होने से प्रभावित हुआ है।

    एक्यूइट रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है, सरकार और आरबीआई द्वारा हाल ही में प्रदान किए गए राहत उपायों से माइक्रोफाइनेंस और एमएसएमई उधारकतार्ओं को ऋण प्रवाह की निरंतरता का समर्थन करने की उम्मीद है, जबकि छोटे उधारदाताओं को नकदी राहत भी बढ़ेगी।

    इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली लहर की तुलना में माइक्रोफाइनेंस और दोपहिया ऋण के परिसंपत्ति वर्गों में संग्रह पर कोविड की दूसरी लहर का प्रभाव अधिक स्पष्ट देखने को मिला है।

    एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी सुमन चौधरी ने एक बयान में कहा, यहां तक कि एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में दोपहिया वाहन ने लॉकडाउन की पहली लहर के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी के प्रसार और उधारकतार्ओं के नकदी प्रवाह पर तनाव के कारण प्रभाव अधिक रहा है और इस दौरान आय की हानि के साथ-साथ उच्च चिकित्सा व्यय भी देखने को मिला।

    उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में फैले कोविड के मद्देनजर आर्थिक गतिविधियों की रुक-रुक कर होने वाली प्रकृति को देखते हुए, विशेष रूप से छोटे एनबीएफसी या एमएफआई द्वारा सेवित लोगों की आय धाराएं गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, जिससे इन उधारदाताओं के लिए संपत्ति की गुणवत्ता का तनाव बढ़ गया है।

    हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थगन की अनुपस्थिति ने इस लहर में उधारकर्ता के तनाव को और अधिक स्पष्ट कर दिया है और पर्याप्त धन की कमी के साथ, नकदी में गिरावट रही और इसलिए छोटे एनबीएफसी और एमएफआई के लिए क्रेडिट गुणवत्ता लगभग अपरिहार्य थी।

    डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

    Share:

    Uttar Pradesh में बनेगी 800 किलोमीटर लंबी 'Herbal Road', ये होगी खासियत

    Sun Jul 11 , 2021
    आगरा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जल्द हर्बल रोड (Herbal Roads In UP) बनाई जाएगी. इससे हवा के माध्यम फैलने वाली बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी. इस प्रोजेक्ट के तहत आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले पेड़ सड़क के दोनों ओर लगाए जाएंगे. इनमें शीशम, आंवला और नीम के पेड़ शामिल हैं. हर्बल प्रोजेक्ट के […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved