• img-fluid

    4 माह के लिए थम जाएगी शहनाई की गूंज

  • July 08, 2021

    • 20 जुलाई से सो जाएंगे देव, देव उठने के बाद 20 नवंबर से 29 अप्रैल तक विवाह के 22 मुहूर्त
    • आखिरी मुहूर्त 15 जुलाई को

    इंदौर। कोरोना संक्रमण (Corona Transition) के भय से इस साल अप्रैल (April) और मई (May) में शादियां (Weddings) करने पर प्रतिबंध लगा रहा। इससे कई विवाह की बुकिंग (Marriage, Booking) कैंसिल ( Cancel) हो चुकी है। अब कोविड का असर कम हुआ तो लोग फिर शादियां (Weddings) कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार अब इस सीजन में शादी (Weddings) के केवल दो शुभ मुहूर्त शेष थे, जिनमें 6 जुलाई ( July) का मुहूर्त निकल चुका है। अब सिर्फ आखिरी मुहूर्त 15 जुलाई का शेष बचा है।
    कुछ लोग 18 जुलाई भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त मानकर भी विवाह करेंगे। इसके बाद 4 माह तक शादियों के कोई मुहूर्त नहीं हैं। 20 जुलाई ( July) को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadash) है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu)  4 माह वर्षाकाल में क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। इससे इन चार माह में मांगलिक और शुभ कार्य नहीं होंगे। फिर देवउठनी एकादशी (Devshayani Ekadash) के बाद 20 नवंबर को पहला शुभ विवाह मुहूर्त है। 20 नवंबर से लेकर 29 अप्रैल (April) 2022 तक शादियों (Weddings) के 22 मुहूर्त हैं, जिनमें शहनाई बजेगी।


    118 दिन तक शयन करेंगे देव
    ज्योतिषियों के अनुसार इस साल भगवान विष्णु (Lord Vishnu)  118 दिन विश्राम करेंगे। गत वर्ष अधिकमास होने से एक महीने अधिक यानी 148 दिन तक उन्होंने विश्राम किया था। इस बार वे 20 जुलाई ( July) को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadash) से 15 नवंबर तक की अवधि में क्षीरसागर में विश्राम अवस्था में रहेंगे। सृष्टि संचालन का उनका प्रभार इस अवधि में भगवान भोलेनाथ के पास रहेगा। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे, पर विवाह समेत मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

    इस अवधि में क्यों नहीं होंगे विवाह
    ज्योतिषियों के अनुसार 20 जुलाई ( July) से देवशयनकाल शुरू हो जाएगा। यह 13 नवंबर 2021 तक चलेगा। मान्यता है कि भगवान विष्णु 4 माह वर्षाकाल में क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। इस वजह विवाह (Weddings) आदि शुभ कार्य नहीं होते। दूसरा कारण धनु मलमास होने की वजह से विवाह आदि शुभ कार्य 15 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक नहीं होंगे। तीसरा कारण 23 फरवरी 2022 को गुरु पश्चिम में अस्त होंगे, जो 24 मार्च 2022 तक अस्त रहेंगे। गुरु अस्त होने पर दांपत्य जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी रहने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं रहते, क्योंकि गुरु का बलवान होना दांपत्य जीवन और पुत्र सुख के लिए अतिआवश्यक है। चौथा कारण होलाष्टक है। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 10 मार्च 2022 से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 18 मार्च 2022 तक होलाष्टक होने से शास्त्रोक्त विवाह (Weddings) मुहूर्त नहीं होते हैं।



    जुलाई से अप्रैल तक विवाह के मुहूर्त
    – जुलाई ( July)-15
    – नवंबर- 20, 21, 28, 29, 30
    – दिसंबर- 1, 6, 7, 11, 13
    – जनवरी- 22, 23
    – फरवरी- 5, 6, 10, 18, 19
    – अप्रैल- 14, 19, 20, 21 व 22

    Share:

    राम मंदिर के 100 मीटर दायरे में नहीं हो सकेगा कोई नया निर्माण, ये रही वजह

    Thu Jul 8 , 2021
    अयोध्या. राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम लला के मंदिर (Ram Mandir) के आसपास अब बहुमंजिला इमारतें नहीं बनाई जा सकेंगी. इतना ही नहीं इसके लिए बकायदा मानक तय तय गए है. राम मंदिर से 300 मीटर दूर बना तो सकेंगे, मगर उसके लिए जिला अधिकारी से एनओसी प्राप्त करनी होगी. आपको बताते चलें […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved