नई दिल्ली. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) आज 49 साल के हो गए हैं. गांगुली ने साल 2000 से 2005 तक टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में कई यादगार जीत दिलाई है. गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 49 में से 21 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की जिसमें सबसे बड़ा योगदान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का रहा है.
गांगुली और द्रविड़ दोनों ने एक-दूसरे की कप्तानी में खेला है और दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं. वर्तमान में गांगुली जहां बीसीसीआई अध्यक्ष हैं तो द्रविड़ एनसीए प्रमुख होने के साथ ही भारत-श्रीलंका सीरीज के लिए टीम इंडिया के मुख्य कोच बने हैं. सौरव गांगुली को ऑफ साइड का भगवान कहा जाता है. इंटरनेशनल क्रिकेट में 18 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले गांगुली मध्यम गति से गेंदबाजी भी करते थे.
गांगुली के नाम टेस्ट क्रिकेट में 32 और वनडे में 100 विकेट दर्ज है. गांगुली ने अहम मौकों पर गेंदबाजी के दम पर भी भारत को जीत दिलाई है. हालांकि राहुल द्रविड़ को लगता है कि गांगुली जरा स्लो गेंदबाज थे. साल 2014 में भारतीय टीम इंग्लैंड की दौरे पर गई थी. पहला टेस्ट नॉटिंघम में खेला जा रहा था और इस मुकाबले में स्टार स्पोर्ट्स के कमेंट्री पैनल में राहुल द्रविड़ और गांगुली भी शामिल थे.
दबंग कप्तान के तौर पर मशूहर दादा अपनी हाजिर जबावी के लिए भी जाने जाते हैं. कमेंट्री के दौरान राहुल द्रविड़ ने गांगुली को चिढ़ाते हुए कहा अगर दादा थोड़े से और तेज और फिट होते तो वह बल्ले के साथ साथ गेंद से भी भारत को कई मौकों पर मैच जिता सकते थे. इसके जवाब में गांगुली ने बोला कि अगर वह भारत के प्रधानमंत्री होते तो वह बहुत सी चीजें और कर सकते थे.
सौरव गांगुली ने द्रविड़ की कप्तानी में साल 2007 में इंग्लैंड का दौरा किया था. गांगुली ने लॉर्ड्स और नॉटिंघम दोनों टेस्ट में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक को आउट किया था. नॉटिंघम टेस्ट में भारत को सात विकेट से जीत मिली थी और भारत 26 साल बाद इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट मैच जीतने में सफल रहा था. गांगुली ने इस मैच में 79 और नाबाद 2 रनों की पारी खेली थी.
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