भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा है कि जीवन में निरंतर नया सोचने और उसे कर दिखाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कि सरकार में जो कार्य करते है, वह जनसेवा के लिए होता है। प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी का दायित्त्व है कि वह जनहित के कार्य करें। आनंदीबेन पटेल बुधवार को राजभवन के सांदीपनि सभागार में राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा आयोजित विदाई समारोह को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा, अपर सचिव मनोज खत्री, विधि अधिकारी श्री डी.पी.एस. गौर भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि विदाई जैसा कुछ नहीं होता है। एक जाता है, तो दूसरा आता। यह बदलाव की निरंतरता है। वर्तमान में अच्छे कार्य हो रहे हैं। उन्हें निरंतरता प्रदान करते हुए बदलाव के अनुसार नये कार्य शुरु किये जाना चाहिए। यह प्रगति की प्रक्रिया है। उन्होंने कोविड के पूर्व बच्चों को गीत, संगीत नृत्य, चित्रकला और नाट्य कला के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और युवाओं के मार्गदर्शन और कैरियर उन्नयन संबंधी गतिविधियों में सहयोग के कार्यक्रमों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पुन: प्रारम्भ करने की आवश्यकता बताई।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अपनी आवश्यकता से अधिक को दूसरो में बांटने का भाव संतोष प्रदान करता है। संतोष से आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे सकारात्मक विचारों के प्रसार में सबको योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्य में विलंब किसी के प्रति अन्याय का प्रतीक होता है। समस्याओं के समाधान के त्वरित प्रयास ही व्यवस्था में सुधार करते है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उन्होंने गुजरात में करीब 20 वर्ष कार्य किया। कार्य में क्षण भर का भी विलंब नहीं कर सकते थे। इसी कार्य-शैली से उन्होंने तीन राज्यों में राज्यपाल के रुप में कार्य किया है। राज्यपाल के रुप में उन्हें दिये गए स्नेह, सम्मान और सहयोग के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। सभी कर्मचारियों को उपहार भेंट किए।
विदाई समारोह में राजभवन के अधिकारी-कर्मचारियों ने राज्यपाल के स्नेह, संरक्षण और सहृदयता के प्रसंगों का स्मरण कर राजभवन और उसके कर्मचारियों को दी गई सौगातों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए, उन्हें मानवता के मसीहा के रूप में रूपांकित किया। उन्हें ऐसी शख्सियत बताया, जिसके वर्णन में जितने भी विश्लेषण जोड़े जाएं, वे भी कम हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल के विशेष सहायक राजेश बरसैया गुप्ता, सहायक प्रोग्रामर मनीषा श्रीवास्तव राजभवन के कर्मचारी शानु खान, उषा विश्वकर्मा और रेणु राजभर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आनंदीबेन पटेल की प्रशासनिक दक्षता, सहदृयता, मातृत्वभाव के संस्मरणों का उल्लेख किया।
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