नई दिल्ली। सरकार का माल एवं सेवा (जीएसटी) संग्रह जून 2021 में 92,849 लाख करोड़ रुपये रहा है। आठ महीनों बाद जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ से नीचे आया है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि जीएसटी संग्रह के इन आंकड़ों में पांच जून से पांच जुलाई के दौरान हुए घरेलू लेनदेन के आंकड़े भी शामिल हैं। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार ने जीएसटी करदाताओं को कई तरह की राहत दी थी। मई में जीएसटी संग्रह 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह लगातार आठवां महीना था जबकि जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।
देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन या आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी थी। इसका असर जीएसटी कलेक्शन पर पड़ा है। जून में 92,849 करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में सकल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की हिस्सेदारी 16,424 करोड़ रुपये रही, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) की हिस्सेदारी 20,397 करोड़ रुपये रही, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) की हिस्सेदारी 49,079 करोड़ रुपये और सेस (Cess) की हिस्सेदारी 6,949 करोड़ रुपये रही।
Gross GST revenue collected is Rs 92,849 crore in the month of June 2021. It includes GST collection from domestic transactions b/w June 5 to July 5, 2021, since taxpayers were given various relief measures, in the wake of the second wave of COVID pandemic: Ministry of Finance pic.twitter.com/DmA0HA68Am
— ANI (@ANI) July 6, 2021
मालूम हो कि जिन करदाताओं का कुल टर्नओवर पांच करोड़ रुपये तक था, उन्हें जून में फाइल होने वाले रिटर्न में 15 दिन की देरी पर लगने वाले ब्याज में राहत दी गई थी। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हाल के महीनों में राजस्व संग्रह में वृद्धि अब स्थाई रूप से होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की तारीफ भी की थी। जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है।
वित्त मंत्रालय 54,000 से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा। पहचान किए गए इन करदाताओं में 88 फीसदी से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। इसमें सूक्ष्म (36 फीसदी), लघु (41 फीसदी) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 फीसदी) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं। केंद्रिय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा।
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