नई दिल्ली। राफेल डील (Rafale deal) को लेकर कांग्रेस (Congress) ने मोदी सरकार (Modi government) को फिर से घेरा, तो वहीं भाजपा (Bjp) ने पलटवार किया है। भाजपा ने राफेल सौदे पर सवाल उठाने के लिए सवाल किया कि उसकी सरकार ने भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन की ताकत में कमी के बावजूद 10 साल तक लड़ाकू विमानों की खरीद क्यों नहीं की। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल किया कि क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि गांधी परिवार को उनका वांछित कमिशन नहीं मिला?
फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अरबों के लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार और लाभ पहुंचाने की जांच का आदेश दिये जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। इसके जवाब में पात्रा ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी दूसरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाती है तो यह ठीक नहीं लगता। उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि 10 वर्षों तक, भारतीय वायुसेना की कम स्क्वाड्रन ताकत के बावजूद कांग्रेस सरकार ने बहुत जरूरी राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद क्यों नहीं की? क्या ऐसा इसलिए क्योंकि गांधी परिवार को उनका वांछित कमिशन नहीं मिला? यह आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस ने एक बार फिर गलत चीजे बोलने का रास्ता अपनाया है’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपशब्द कहना और उनकी शक्ल और दाढ़ी के बारे में बात करना। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी मोदी जी को अपशब्द कहने की वही रणनीति अपनाई… हमने तब नतीजा देखा था… अगर वे अब भी उसी ‘टूलकिट’ के साथ प्रयोग करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है… इस देश के लोग राहुल गांधी और कांग्रेस को करारा जवाब देंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में तो जोर-शोर से बोलती है, लेकिन जब अपने ‘‘पूंजीपति दोस्तों’’ की मदद करने की बात आती है तब देश का सुरक्षा हित उसकी नजर में कमजोर नहीं होता है। पात्रा ने कहा कि मूल्य निर्धारण, खरीद की प्रक्रिया और सौदे के अन्य सभी पहलुओं की जांच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और उच्चतम न्यायालय दोनों ने की है।
पात्रा ने कहा, ‘भारत में फैसला न्याय के सर्वोच्च प्रतीक से आया है। कांग्रेस के आरोप खोखले लगते हैं और इसमें कोई दम नहीं है।’ पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उनके शासन के दौरान एक निविदा के बारे में झूठ बोल रही है? प्रक्रिया के बारे में समझाते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्ताव और सौदे/निविदा में अंतर होता है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘अगर संप्रग शासन के दौरान एक निविदा थी तो लड़ाकू जेट क्यों नहीं खरीदा गया था? यह स्पष्ट है कि कांग्रेस फिर से उसमें सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है जिसमें वह सबसे अच्छा कर सकती है … भ्रम फैलाना ताकि भारत की विरोधी ताकतों को फायदा हो सके।’
कांग्रेस ने यह जानना चाहा है कि अब जब फ्रांस की लोक अभियोजन सेवा (पीएनएफ) ने वहां के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है, जो सौदे के पक्षों में से एक थे तो भारत सरकार के प्रमुख पदाधिकारी की भूमिका पर किसी जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जा रहा है? पवन खेड़ा ने कहा, ‘कांग्रेस की मांग है कि तुरंत एक निष्पक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए और राफेल सौदे के हर पहलू की जांच की जाए। भारत के लोग सच जानने के हकदार हैं।’
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