बीजिंग। चीन (China) दक्षिण सागर (South Sea)में हावी होने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ रहा है। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ है। द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट (The National Interest report) के अनुसार, इस क्षेत्र में चीन(China) की आक्रामक कार्रवाई और जहाजों की लगातार घुसपैठ बताती है कि दक्षिण सागर में चीन अपनी संप्रभुता को एक तथ्य के रूप में दिखा रहा है और उसके तथ्य को उलटने के लिए प्रतिद्वंद्वियों को मात देने की कोशिश में जुटा है।
विश्लेषक मानते हैं कि चीन दक्षिण सागर में हावी होने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून को भी तोड़ सकता है। द नेशनल इंटरेस्ट में लिखते हुए जेम्स होम्स (James Holmes) ने कहा कि पिछले साल चीनी रक्षामंत्री जनरल चांग वानक्वान (Chinese Defense Minister General Chang Wanquan) का समुद्र में युद्ध के लिए तत्परता का आह्वान इसी तरह के अभियान का हिस्सा हो सकता है। जेम्स होम्स ने कहा कि इस तरह के अभियान का मकसद अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून ट्रिब्यूनल को नहीं मानना और अपनी संप्रभुता के नाम पर आक्रामकता दिखाना था। द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में चीन की आक्रामक कार्रवाई और जहाजों की लगातार घुसपैठ बताती है कि दक्षिण सागर में चीन अपनी संप्रभुता को एक तथ्य के रूप में दिखा रहा है और उसके तथ्य को उलटने के लिए प्रतिद्वंद्वियों को मात देने की कोशिश में जुटा है। बता दें कि इस क्षेत्र में फिलीपींस, ब्रुनेई, वियतनाम और दूसरे छोटे देश भी अपना दावा जताते हैं जबकि चीन यहां एक रणनीति के तहत न सिर्फ जंगी जहाजों के बेड़े भेज रहा है बल्कि क्षेत्रीय मछुआरों और नौका संचालकों से भी संपर्क साध रहा है। यही नहीं बल्कि चीन ने पूर्वी चीन सागर में भी जापान के दावे को चुनौती देते हुए अपने जंगी जहाज यहां भेजे हैं।