उज्जैन। प्रदेश में फूलों की खेती के व्यवसाय से जुड़े किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है, उज्जैन में भी बड़ी संख्या में किसान फूलों की खेती करते हैं, जिन्हें 2 साल से नुकसान हो रहा है। सरकार अब इन किसानों को राहत देने जा रही है और इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार हो गया है।
पिछले साल कोरोना लॉकडाउन और इस वर्ष दूसरी लहर के कारण सभी देवस्थान शादी विवाह और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इसके चलते फूलों का व्यापार पूरी तरह चौपट हो गया। इसका असर गुलाब की खेती पर सबसे ज्यादा पड़ा है। उज्जैन में भी 1000 से अधिक किसान फूलों की खेती करते हैं। जैसे-तैसे लॉकडाउन के पहले किसानों ने फसल बोई थी और लॉकडाउन लगने के बाद गुलाब किसानों को फेंकना पड़ा था और क्विंटलों फूल गाय को खिलाने पड़े थे। इस साल से किसानों को आशा थी लेकिन इस बार भी शादी-ब्याह के सीजन में फिर लॉकडाउन लग गया, इसके चलते फूलों का व्यापार पूरी तरह चौपट हो गया। फूलों की बिक्री नहीं होने के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हुआ। इसको देखते हुए सरकार अब फूलों की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्री द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव बनाया गया और कैबिनेट में भेजा गया है उज्जैन में सीजन में गुलाब गेंदा सेवंथ एवं अन्य फूलों की तीन से चार गाडिय़ाँ प्रतिदिन भरकर महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश भेजी जाती है लेकिन 2 वर्षों से फूलों का व्यवसाय बिल्कुल नहीं हुआ है। फूल व्यवसाय से जुड़े मुकेश माली बताते हैं कि सीजन के दौरान हम फूल बेचकर 1000 से 1500 रुपए रोज की कमाई कर लेते थे लेकिन 2 वर्षों से बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है और हमारी कमर टूट गई है। अब सरकार सहायता उपलब्ध कराए तो हमारा व्यवसाय अच्छी तरह से चल सकता है।
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