उज्जैन। जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के उद्देश्य से जिला अस्पताल में नसबंदी लगातार की जाती है। इस साल भी जनवरी से लेकर अप्रैल महीने के अंत तक कई महिलाओं और पुरूषों ने नसबंदी कराई। लेकिन लॉकडाउन के कारण मई और जून के महीने में एक भी नसबंदी नहीं हुई।
जिला अस्पताल के परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के उद्देश्य से नसबंदी का अभियान पूरे साल चलाया जाता है। इस साल भी इसकी शुरूआत 1 जनवरी से हो गई थी। इसमें 30 अप्रैल तक कई महिला और पुरूषों ने नसबंदी कराई। श्री शर्मा के मुताबिक जनवरी के महीने में 23, फरवरी के महीने में 24, मार्च के महीने में 42 और अप्रैल के महीने में 47 कुल 136 महिलाओं की नसबंदी हुई है, जबकि जनवरी से अप्रैल तक 7 पुरूषों ने भी नसबंदी के ऑपरेशन कराए है। इधर मई और जून के महीने में कोई नसबंदी जिला अस्पताल में नहीं की गई है। कोरोना और लॉकडाउन के कारण यह दो महीने ऐसे ही बीते है। उन्होंने बताया कि शासन की गाइडलाइन के मुताबिक अगर प्रसूति के बाद कोई महिला अगर 7 दिन के अंदर नसबंदी कराती है तो उसे शासन की ओर से 2400 रूपये की सहायता राशि दी जाती है। अगर वह 7 दिन बाद यह ऑपरेशन करवाती है तो शासन द्वारा 1400 रूपये दिए जाते है। इसके विपरित नसबंदी कराने वाले पुरूष को 2000 की राशि दी जाती है। अभी तक सभी महिला और पुरूषों को यह राशि दी जा चुकी है।
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