इन्दौर। रेसीडेंसी क्लब (Residency Club)में कल हुए हादसे में ठेकेदार गोपाल पंवार (Contractor Gopal Panwar) और उसके मासूम बेटे गोलू पंवार (Golu Panwar) (11) की मौत के बाद उनके घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। ठेकेदार की पत्नी लक्ष्मी कल से बेहोश है। दरअसल गोपाल मंडी में रेतभरी गाड़ी रोके जाने की खबर मिलने पर घटनास्थल (Location) पर पहुंचा था। यदि गाड़ी (Car ) नहीं रोकी जाती तो पिता-पुत्र की मौत नहीं होती।
पंवार 20 साल पहले इन्दौर (Indore) में काम की तलाश में आया था और फिर यहीं बसकर रह गया। उसे यह भी पता नहीं था कि पलक झपकते ही उसका सब कुछ खत्म हो जाएगा। कल सुबह वह अपनी कार निकालकर बेटे गोलू से कहने लगा कि चल तुझे घुमाकर लाता हूं और वही उसके लिए मौत का कारण बन गया। बताया जा रहा है कि गोपाल ने घर से निकलने के पहले रेती मंडी में फोन लगाया था कि गाड़ी कब आ रही है। इस पर उसे बताया गया कि गाड़ी रेसीडेंसी क्लब (Residency Club) में पहुंच चुकी है, लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इस पर ठेकेदार पंवार वहां पहुंचा और डंपर को लेकर अंदर गया था। जब वह वहां लगी क्यारी में बेटे के साथ बैठा था, तभी अचानक डंपर का पिछला हिस्सा एक चेंबर में धंस गया और डंपर में भरी रेत उनके ऊपर आ गई और दोनों की वहीं रेत समाधि बन गई।
50 से ज्यादा लोग थे रेसीडेंसी क्लब (Residency Club) में सूत्रों ने बताया कि जिस वक्त रेसीडेंसी क्लब (Residency Club) में हादसा हुआ, उस वक्त 50 से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी मलबे को हटाने की जरूरत नहीं समझी। किसी को यह भी नहीं मालूम था कि कोई रेत में दबा है। आधे घंटे बाद जेसीबी को बुलाया गया और फिर रेत में दबे पिता-पुत्र को बाहर निकालकर एमवाय भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पेवर ब्लाक लगाने का लिया था ठेका
रेसीडेंसी क्लब (Residency Club) जहां यह घटना हुई है, वहां नया टेनिस कोर्ट बनाया जा रहा है। गोपाल ठेकेदार ने पेवर ब्लाक (Paver Block) लगाने का ठेका लिया था, जहां घटना हुई, वहां चेम्बर था और जैसे ही डम्पर का पिछला पहिया वहां धंसा और चेम्बर का ढक्कन टूट गया। घटना के बाद राहुल गांधी नगर और मृतक के गांव के लोग भी वहां पहुंच गए थे।
ठेकेदार पंवार के तीन बेटे रोहित (17), प्रवीण (14) और गोलू (11) वर्ष का था। यह सबसे छोटा होने के कारण परिवार में सबका लाडला था और बहुत ही नटखट था। अचानक हुए हादसे के बाद राहुल गांधीनगर में सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार अपने परिवार के पांच सदस्यों को पालने के अलावा जीजा के परिवार के पांच सदस्यों को भी पाल रहा था, क्योंकि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ठेकेदार कुछ समय पहले ही खरगोन जिले से आकर यहां काम करने लगा था, लेकिन हादसे के बाद अब उसे यहां आने का पछतावा हो रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved