वाशिंगटन । अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी जारी है। इस साल अगस्त के अंत तक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से विदा ले लेंगे। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी के मुताबिक, तालिबान के साथ एक समझौते के तहत दो दशक के युद्ध के बाद अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी बलों की वापसी की अनुमति दी गई है । जिसके बाद से अमेरिका ने अपने मुख्य सैन्य अड्डों से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि शुक्रवार को प्रमुख सैन्य बेस बगराम छोड़ दिया गया। यह बेस कभी तालिबान को उखाड़ फेंकने के लिए हुए गृह युद्ध और अमेरिका पर 9/11 में हुए आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को पकड़ने के लिए सेना का केंद्र रहा था।
अमेरिका के दो अधिकारियों ने बताया कि एयरफील्ड ‘अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा बल’ को पूरी तरह से सौंप दिया गया है। रायटर एजेंसी के मुताबिक इसका औपचारिक एलान शनिवार को होगा। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों की रक्षा का अधिकार और क्षमताएं अभी भी अफगानिस्तान में अमेरिका के शीर्ष कमांडर जनरल ऑस्टिन एस. मिलर के पास हैं। उनके पास हवाई हमले करने के भी विकल्प मौजूद रहेंगे। अधिकारी ने अपनी पहचान ना बताने की शर्त पर कहा, ‘गठबंधन की पूरी सेना ने बगराम को छोड़ दिया है।’ हिंदूकुश की पहाड़ियों से घिरा यह एयरबेस काबुल के 50 किमी उत्तर में स्थित है जो पूरे अफगान मिशन का मुख्य केंद्र रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीस साल बाद अमेरिकी सेना की वापसी की घोषणा से यह साफ है कि अफगानिस्तान में 2500-3500 अमेरिकी सैनिकों की आखिरी टुकड़ी भी अफगानिस्तान छोड़ने वाली है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चुनाव जीतने के बाद वादा किया था कि अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर से पहले अफगानिस्तान से जा चुके होंगे।
उधर, अफगानिस्तान में तालिबान अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है। इसने सैनिकों की वापसी वाली अमेरिकी घोषणा के बाद से ही अफगानिस्तान में बम से हमले तेज कर दिए। इसमें सैनिकों, आम नागरिकों और मुख्य तौर पर महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। दो नए हमलों में कुल 14 लोग मारे गए हैं।
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