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    यह Vaccine लगवा चुके लोग डेल्टा वैरिएंट से माने जा सकते हैं सुरक्षित, अध्ययनों में दावा

  • July 02, 2021

    नई दिल्ली। कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दुनियाभर में तेजी से पैर फैला रहा है। हालिया रिपोर्टस के मुताबिक अबतक दुनियाभर के 96 से अधिक देशों में यह वैरिएंट पहुंच चुका है। इस वैरिएंट के तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ महीनों में  यह और भी प्रभावी हो सकता है, जोकि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।

    डेल्टा वैरिएंट को ही भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आई तबाही का मुख्य कारण माना जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों को यह भी कहना है कि डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेटेड रूप डेल्टा प्लस, भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी लहर से सुरक्षा देने में वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार हो सकता है, हालांकि देश में मौजूद कोरोना की वैक्सीन इस वैरिएंट पर कितनी प्रभावी हैं, यह भी अभी सवालों के घेरे में है।

    इस बीच हाल ही में हुए दो अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ काफी असरदार होने का दावा किया है। अध्ययनों में दावा किया गया है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन अल्फा और डेल्टा दोनों प्रकार के कोरोनावायरस के खिलाफ प्रभावी है। इस अध्ययन ने लोगों को नई उम्मीद दी है, आइए इस लेख में अध्ययन की महत्वपूर्ण बातों को विस्तार से जानते हैं।

    डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार पाई गई है कोवैक्सीन
    अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने कहा है कि दुनियाभर के लिए चिंता का कारक बने डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ कोवैक्सीन को अध्ययनों में काफी असरदार पाया गया है। एनआईएच ने कोवैक्सीन के प्रभाव को जानने के लिए, यह वैक्सीन ले चुके लोगों का ब्लड सीरम सैंपल के रूप में एकत्रित किया। इसपर हुए दो अध्ययनों के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोवैक्सीन शरीर में ऐसी एंटीबॉडी उत्पन्न करती है जो प्रभावी रूप से सार्स-सीओवी-2 के B.1.17 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वैरिएंट को बेअसर कर सकती हैं।

    कई स्तर पर कोवैक्सीन को पाया गया बेहद कारगर
    एनआईएच ने आगे कहा कि कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण से संबंधित डेटा इस साल के अंत तक उपलब्ध हो जाएगा। हालांकि तीसरे चरण के अप्रकाशित अंतरिम परिणाम संकेत देते हैं कि इस वैक्सीन की एसिम्टोमैटिक संक्रमण के खिलाफ 70 फीसदी, सिम्टोमैटिक संक्रमण के खिलाफ 78 वहीं गंभीर मामलों के खिलाफ 100 फीसदी तक प्रभावकारिता हो सकती है।

    कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है यह वैक्सीन
    भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के परिणामों से पता चला है कि यह वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी है। भारत बायोटेक ने पिछले महीने कहा था कि उसे जुलाई-सितंबर के दौरान डब्ल्यूएचओ से कोवैक्सिन के आपातकालीन उपयोग सूची के लिए मंजूरी मिलने की उम्मीद है। आंकड़ों के मुताबिक अब तक लगभग 25 मिलियन (2.5 करोड़) से ज्यादा लोगों को कोवैक्सिन की डोज दी जा चुकी है।

    भारत सरकार का क्या कहना है?
    इससे पहले डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन की प्रभाविकता पर बोलते हुए केंद्र सरकार ने दोनों वैक्सीन- कोवैक्सीन और कोविशील्ड को प्रभावी बताया था। सरकार की तरफ से कहा गया था कि डेल्टा प्लस वैरिएंट्स के खिलाफ इन वैक्सीन की प्रभाविकता जानने के लिए अध्ययन किए जा रहे हैं। वहीं आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कोविशील्ड और कोवैक्सिन को सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी पाया गया है, जबकि डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावशीलता परीक्षण जारी है।

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