हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi ) के नाम से जाना जाता है। इस बार ये देवशयनी एकादशी 20 जुलाई, 2021 को पड़ रही है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी तिथि से भगवान विष्णु(Lord Vishnu) विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव (Lord Shiva) करते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। आइए जानते हैं देवशयनी शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि, महत्व …
देवशयनी एकादशी मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 19, 2021 को 09:59 रात से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2021 को 07:17 शाम तक
एकादशी व्रत पारण- जुलाई 21, शाम 05:36 से 08:21 बजे तक
देवशयनी एकादशी के दिन इस तरह करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
देवशयनी एकादशी महत्व
इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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