नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) और रसोई गैस सिलेंडर की आसमान छूती महंगाई के बाद अब एक और झटका सहने के लिए तैयार रहिए. अगर आप हवाई सफर करते हैं तो आपको ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. क्योंकि ATF महंगा होने की वजह से एयरलाइंस किरायों के दाम बढ़ा सकती हैं.
एयरलाइंस के लिए ATF महंगा हुआ
हवाई जहाज (airplane) में जो ईंधन डाला जाता है उसे एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) कहते हैं. जिसके दाम गुरुवार को दिल्ली में बढ़कर 68,262 रुपये प्रति किलोलीटर हो गए हैं. यह इस साल जनवरी के मुकाबले करीब 30 परसेंट ज्यादा है. जनवरी 2021 में ATF का रेट 50,979 रुपये था. तेल मार्केटिंग कंपनी IOC ने दिल्ली क्षेत्र में ATF के दाम 3.6 परसेंट तक बढ़ा दिए. दरअसल ग्लोबल मार्केट में भी क्रूड ऑयल के दाम तेजी से बढ़े हैं, जिसका असर ATF पर भी पड़ा है.
IOC ने हवाई ईंधन के दाम बढ़ाए
ATF बढ़ाने को लेकर IOC ने कहा कि दिल्ली(Delhi) में एटीएफ की कीमत 3.6 परसेंट बढ़कर 68,262 रुपये प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 3.27 परसेंट बढ़कर बढ़कर 72,295 रुपये प्रति किलोलीटर और मुंबई में 3.77 परसेंट चढ़कर 66,482 रुपये प्रति किलोलीटर पहुंच गई हैं. इस बढ़ोतरी के साथ ही 6 महीने में ATF के दाम करीबी 30 परसेंट बढ़ चुके हैं.
महीना ATF की कीमत
जनवरी 50, 979
फरवरी 53795
अप्रैल 58374
मई 61690
जून 64118
एयरलाइंस किराया महंगा कर सकती हैं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर एटीएफ में ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो एयरलाइंस टिकटों के दाम बढ़ा सकती है. दिल्ली एयरपोर्ट ने गुरुवार को यात्रियों की संख्या को लेकर कहा कि लॉकडाउन और ट्रेवल पर दूसरी तरह की पाबंदियों की वजह से हवाई जहाज से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है.
मई में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (international travelers) की संख्या प्रति दिन 4500 थी, जो कि जून में बढ़कर 7500 हो गई. हालांकि इंटरनेशनल उड़ानों को अभी 31 जुलाई तक सस्पेंड रखा गया है. दिल्ली एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों का डेली फुटफॉल 18 हजार था. जून में यह बढ़ कर 62 हजार हो गया. लेकिन इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के बाद से हवाई यात्रियों की संख्या घट गई है, इसके पहले फरवरी और मार्च के दौरान इसमें तेजी थी.
आपको बता दें कि सरकार ने जून में न्यूनतम हवाई किराए यानी किराए के निचले स्तर में 13% से 16% तक की बढ़ोतरी की थी. हालांकि, अधिकतम किराया यानी किराए के ऊपरी स्तर में बदलाव नहीं किया गया था. ऐसे में अगर कोई यात्री 3 घंटे से ज्यादा सफर करता है तो उसे 1100 रुपये ज्यादा खर्च पड़ रहे हैं.
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