इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistani PM Imran Khan) ने गुरुवार को खाद्य सुरक्षा (Food Security) को पाकिस्तान (Pakistan) के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताते हुए कहा कि देश को भविष्य में अपनी आबादी को भोजन की कमी से बचाने के लिए अभी कदम उठाने चाहिए. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक इस्लामाबाद (Islamabad) में किसानों के एक अधिवेशन को संबोधित करते हुए इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) ने पिछले साल 40 लाख टन गेहूं आयात किया था जिसके चलते देश के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में एक ही झटके में लाखों डॉलर की कमी हो गई थी.
खान ने कहा कि पाकिस्तान की नई और बड़ी चुनौती फूड सिक्योरिटी (food security) है. खान ने कहा कि इस बात को लेकर भी तैयारियां की जा रही हैं कि कैसे पाकिस्तान तेजी से बढ़ती जनसंख्या के लिए अगले 5-15 साल में खेती को बढ़ाएगा. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी गौर किया कि सही पोषण के लिए देश के 40 फीसदी बच्चे अपनी पूरी लंबाई तक नहीं पहुंच पाए हैं और न ही उनका दिमाग पूरी तरह से विकसित हो पाया है.
बच्चों को नहीं मिल रहा पोषण युक्त आहार
इमरान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा असल में राष्ट्रीय सुरक्षा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में आदेश भी जारी किया है जिसके अंतर्गत एहसास कार्यक्रम में पहली बार पोषण से जुड़ा कामकाज लाया जाएगा.
इमरान खान (Imran Khan) ने शुद्ध दूध की उपलब्धता पर कहा कि बच्चों के विकास में यह मुद्दा भी बेहद जरूरी है. खान ने कहा कि बच्चों की ग्रोथ के लिए उन्हें अच्छी चीजें शुद्ध रूप में नहीं मिल पा रही हैं. इमरान ने इसके लिए पाकिस्तान के ‘एलीट कैप्चर’ को भी जिम्मेदार बताया. एलीट कैप्चर यानी कि सुविधाओं और संसाधनों पर पैसे वालों का जोर.
इमरान ने कहा कि देश कुछ लोगों के लिए नहीं बना था जबकि छोटे से तबके ने सभी संसाधनों पर कब्जा कर लिया है और कोई भी इसे बदलने के लिए तैयार नहीं है.
इमरान ने कहा कि अगर कोई राष्ट्र अपने लोगों को सही खाना मुहैया नहीं करा सकता तो वह कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता. खान ने कहा कि अगर 15-40 आयु वर्ग की जनसंख्या भूखी है तो वे देश को नीचे ही लेकर जाएगी और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए. खान ने कहा कि अगर राष्ट्र उन्हें सही डाइट नहीं दे सकता तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए.
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