पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के स्थापना दिवस (Foundation day) को भव्य बनाने की तैयारी में तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) जुटे हुए हैं। पांच जुलाई को इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में पार्टी में नई जान फूंकने के लिए पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu prasad) दिल्ली से वर्चुअली मौजूद रहेंगे।
करीब चार साल के बाद किसी भी राजनीतिक मंच पर लालू की उपस्थिति से राजद के कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है। राजद के कार्यकर्ता भी लालू की उपस्थिति को लेकर उत्साहित हैं, वहीं पार्टी भी उनकी मौजूदगी को भुनाने में जुटी है। राजद के नेता तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि राजद का 25 वां स्थापना दिवस समारोह खास होगा। उन्होंने कहा कोरोना गाइडलाइन के कारण बड़े पैमाने पर कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन उस दिन पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद वर्चुअली इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। लालू प्रसाद की पहचान एक ऐसे वक्ता की रही जिसमें लोगों के आकर्षण की क्षमता हो। अदालती चक्करों के बाद करीब चार साल के बाद लालू प्रसाद जमानत पर बाहर आए हैं। ऐसे में राजद कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
स्थापना दिवस के जरिए राजद लालू प्रसाद को सक्रिय करने में जुटी है। हालांकि अस्वस्थ होने के कारण लालू के राजनीति में ज्यादा सक्रिय होने की उम्मीद काफी कम है, लेकिन लालू की उपस्थिति से ही महागठबंधन के दलों में भी उत्साह है। तेजस्वी इस समारोह में लालू की इस उपस्थिति को भुनाने में जुटे हैं। तेजस्वी कुछ दिन पहले ही यह दावा कर चुके हैं दो से तीन महीने में बिहार सरकार जाने वाली है। ऐसे में लालू पर सबकी नजर है।
उल्लेखनीय है कि लालू ने जेल में रहते हुए भी सरकार गिराने की कोशिश की थी। लालू के जन्मदिन के मौके पर 11 जून को राजद नेता तेजप्रताप यादव पूर्व मुख्यमंत्री और सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी से न केवल मुलाकात की थी बल्कि मांझी ने लालू प्रसाद से फोन पर बात भी की थी।
राजद को मालूम है कि बिहार में सरकार की सबसे कमजोर कड़ी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी हैं, जिसके चार-चार विधायक हैं।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि लालू प्रसाद की पहचान देश के बड़े नेताओं में है। इनका प्रभाव राजद के कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य दल के नेताओं पर भी है। उन्होंने कहा कि बिहार के गरीबों की आवाज देने वाले लालू प्रसाद के स्थापना दिवस में मौजूदगी को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
राजद विरोधी दल हालांकि लालू प्रसाद के राजनीतिक सक्रियता का विरोध कर रहा है। भाजपा के नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं, “लालू प्रसाद ने भाजपा विधायक को तोड़ने और बनने के समय ही राजग सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश तो फोन पर ही की थी। भ्रष्टाचार के मामले में लंबी सजा के कारण वे मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते। जमानत उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर मिली है, राजनीति के लिए नहीं। वे जेल में रहकर या जमानत मिलने पर वर्चुअल माध्यम से यदि राजनितिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो इस पर सीबीआई को संज्ञान लेना चाहिए।”
बहरहाल, लोजपा में टूट के बाद बिहार में बदलते सियासी माहौल के बीच लालू प्रसाद स्थापना दिवस कार्यक्रम में किन बातों पर जोर देंगे, इस पर तो लोगों की निगाहें तो रहेंगी ही सबसे अधिक नजर उनके उस सियासी दांव-पेंच पर रहेगी जो बिहार की सियासत का सत्ता समीकरण उलट सकता है।
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