उज्जैन। स्मार्ट सिटी योजना के तहत उज्जैन के मंदिरों को आकर्षक विभिन्न रंगों की रौशनी से सुसज्जित किया जा रहा है और इसका कार्य प्रारंभ हो गया है। गुजरात की बड़ी कंपनी को ठेका दिया गया। 2 करोड़ रुपए महाकाल मंदिर और 3 करोड़ रुपए अन्य मंदिरों पर खर्च किए जाएँगे। दावा किया जा रहा है कि 5 करोड़ रुपए की लाईट लग रही है वह स्थायी होगी तथा खराब नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन में लाखों रुपए पूर्व में भी मंदिरों की साज सज्जा में खर्च हो चुके हैं। महाकाल मंदिर, रूद्रसागर, क्षीरसागर तालाब में रंगीन फव्वारे लगाए गए थे जो बंद पड़े हैं। इसी प्रकार लाईट सज्जा पर भी पूर्व में लाखों रुपए लगाए गए लेकिन कुछ दिन ही यह लाईटें जली। शहरवासियों को शायद याद हो कि नगर निगम द्वारा चामुण्डा से पुल तक के रोड पर गार्डन में लाईटिंग वाले पेड़ लगाए गए थे जिनका कोई पता नहीं हैं और यह पेड़ चोरी भी हो चुके हैं। अब एक बार फिर शहर के मंदिरों को रंगीन जगमग करती लाईटों से प्रकाशित करने की तैयारी है। दावा किया गया है कि आरजीबीडब्ल्यू श्रेणी की यह लाईटें स्थायी होंगी और कभी खराब नहीं होंगी। महाकाल मंदिर पर दो करोड़ रुपए का खर्च होगा और इसका काम शुरु हो गया है। इससे मंदिर के शिखर पर, जूना महाकाल, कोटितीर्थ कुंड एवं परिसर में आकर्षक लाईट सज्जा होगी तथा कुछ देर में लाईटों का रंग भी बदलेगा तथा वह अत्यंत आकर्षक लगेगी। इसी प्रकार तीन करोड़ की लागत से शहर के विभिन्न मंदिरों में यह लाईट लगाने का ठेका गुजरात की कंपनी को दिया गया है। इस राशि से चिंतामण, कालभैरव, हरसिद्धि, गढ़कालिका एवं अन्य मंदिरों पर लाईट लगेगी। सबकुछ ठीक रहा और भ्रष्टाचार नहीं हुआ तो उज्जैन के मंदिर आकर्षक विद्युत रौशनी से जगमगाएँगे।
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