इंदौर, राजेश ज्वेल। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी (Industrial Capital) इंदौर (Indore) की जिम्मेदारी सत्ता और संगठन ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को सौंपी है। जिलों के प्रभारी मंत्रियों की जारी सूची में ये चौंकाने वाला बदलाव इंदौर के राजनीतिक समीकरण को भी बदल देगा। एक तीर से कई निशाने साधते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने जहां इंदौर (Indore) की भीषण गुटबाजी और पडऩे वाले दबाव-प्रभाव से खुद को बचाने के प्रयास तो किए ही, वहीं नाराज चल रहे नरोत्तम को साधने का काम भी बखूबी कर लिया। पिछले दिनों परिवर्तन की जो मुहिम शुरू की गई उसकी हवा हालांकि पिछले दिनों भोपाल में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में निकल गई, जब राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सभी ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सराहना कर दी। इंदौर (Indore) में ताई-भाई, भाभी से लेकर साहब की जो गुटबाजी चलती रही, उसमें अब नवागत प्रभारी मंत्री का एक नया गुट तैयार होगा।
इंदौर (Indore) की राजनीति से लेकर यहां लिए जाने वाले सारे फैसले पूरे प्रदेश पर असर डालते हैं। यही कारण है कि सभी की रुचि इंदौर पर विशेष रूप से रहती है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) वैसे तो इंदौर को अपने सपनों का शहर बताते रहे हैं और अभी कोरोना काल में भी इंदौर भले ही सबसे अधिक संक्रमित रहा हो, मगर उससे निपटने के उपायों में भी इंदौर ने बाजी मारी। स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा वैक्सीनेशन में भी सिरमौर हो गया। इधर पिछले दिनों मुख्यमंत्री की खिलाफत भी सुनियोजित तरीके से कुछ गुटों द्वारा शुरू की गई। हालांकि उसकी हवा पार्टी नेतृत्व और संगठन के पदाधिकारियों ने निकाल दी। इधर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) लंबे समय से असंतुष्ट बताए जा रहे थे, जिसके चलते इंदौर (Indore) जैसे सबसे ताकतवर जिले की कमान मुख्यमंत्री ने उन्हें सौंप दी। यह भी उल्लेखनीय है कि इंदौर में ताई, यानी सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) और भाई कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) से लेकर भाभी मालिनी गौड़ (Malini Gaur) और साहब, यानी कृष्णमुरारी मोघे (Krishnamurari Moghe) जैसे वरिष्ठ नेताओं के गुटों का भी बोलबाला रहा है और कई फैसलों में इन गुटों की आपसी तनातनी भी नजर आती रही है, लेकिन अब नवागत प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)किसी गुट के दबाव-प्रभाव में तो आएंगे नहीं, क्योंकि उनका खुद का कद बड़ा है और एक नया गुट अवश्य इंदौर (Indore) में उनके नेतृत्व में बनेगा, जिसके चलते कई तरह के राजनीतिक समीकरण भी बदलेंगे। तबादलों से लेकर निगम-मंडल, प्राधिकरण या अन्य जगह होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों के साथ-साथ इंदौर से जुड़े बड़े फैसलों में भी अब प्रभारी मंत्री का दबदबा कायम होगा। अभी इंदौर से जुड़े हर मामले मुख्यमंत्री तक सीधे जाते हैं, लेकिन अब उनमें से कई मामलों का पटाक्षेप प्रभारी मंत्री के स्तर पर ही हो जाएगा। यह भी संभव है कि कई मामलों में प्रभारी मंत्री अपने मनमुताबिक फैसले भी मुख्यमंत्री से करवा लेंगे। इसका असर जोबट-बुरहानपुर के उपचुनावों से लेकर इंदौर नगर निगम के चुनावों पर भी पड़ेगा। अब प्रभारी मंत्री के खेमे में शामिल होने वाले भी टिकट से लेकर अन्य पदों पर उपकृत किए जाएंगे।
मीडिया फ्रेंडली… गृहमंत्री का रुतबा रहेगा अलग
मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पास चूंकि गृह विभाग है, लिहाजा एक तरफ से अब इंदौर (Indore) भी दूसरा पुलिस मुख्यालय का गढ़ भी बन जाएगा। कानून व्यवस्था की स्थिति जहां सुधरेगी, वहीं प्रभारी मंत्री के साथ गृहमंत्री के रुतबे का भी फायदा इंदौर जिले को मिलेगा। मिश्रा मीडिया फ्रेंडली भी हैं और अमूमन खुद ही मोबाइल उठाते हैं।
कानून व्यवस्था की स्थिति में होगा बेहतर सुधार
इंदौर (Indore) की कानून व्यवस्था की स्थिति का भी असर पूरे प्रदेश पर पड़ता है। भूमाफियाओं से लेकर नशे के कारोबार सहित अन्य तरह के अपराध इंदौर में अधिक होते रहे हैं, लेकिन अब कानून व्ववस्था की स्थिति में भी सुधार होगा और पुलिस की पूरी मशीनरी ज्यादा बेहतरी से इंदौर में काम करेगी, क्योंकि उनके गृहमंत्री ही प्रभारी हैं।
तुलसी की स्थिति थी सबके पांव पड़ती नई बहू जैसी
कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्री तुलसीराम सिलावट की स्थिति घर में आई उस नई बहू की जैसी है, जिसे शुरुआती दिनों में सबके पांव पडऩा पड़ते हैं। यही कारण है कि तुलसी सबको साथ लेकर चलते रहे और सांसद, विधायक से लेकर अन्य गुटों को भी उनको पूरी तवज्जो देना पड़ी, लेकिन अब नरोत्तम मिश्रा के मामले में स्थिति इसके उलट रहेगी, क्योंकि वे खुद दबंग नेता हैं।
अगले हफ्ते आऊंगा इंदौर… बोले नरोत्तम मिश्रा
अग्निबाण प्रतिनिधि ने इंदौर (Indore) के नवागत प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)से बात की तो उन्होंने कहा कि इंदौर (Indore) प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है। सबके समन्वय से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। अगले हफ्ते वे इंदौर आएंगे और सबके साथ चर्चा भी करेंगे। इंदौर (Indore) उनके लिए अनजान शहर नहीं है।
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