नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कई लोग रोजाना काढ़े का सेवन करने लगे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि काढ़ा पीने से शरीर का इम्युनिटी सिस्टम बेहतर होगा. कई लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना के भय में काढ़े का सेवन काफी अधिक मात्रा में कर रहे हैं. इनमें से कुछ लोगों को दूसरी बीमारियां घेरने लगी हैं. ज्यादा काढ़ा पीने से अब बवासीर और एनल फिशर (मल त्याग करने वाले स्थान पर घाव) की समस्या सामने आ रही है. डॉक्टर भी मानते हैं कि काढ़े का ज्यादा सेवन करने के कई दुष्प्रभाव भी हैं.
डॉक्टर कहते हैं कि बिना चिकित्सीय सलाह वेवजह इसका सेवन करना ठीक नहीं है. मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में बीते मंगलवार को एक महिला इलाज के लिए पहुंची. मरीज को पिछले चार दिन से मल त्यागने में परेशानी के साथ ही खून आने की समस्या हो रही थी. काउंसलिंग में मरीज ने डॉक्टरों को बताया कि वह तीन महीने से रोजाना चार से पांच ग्लास काढ़ा पी रही थी. उसे कुछ सप्ताह से पेट में जलन की समस्या होने लगी थी. महिला की सर्जरी करके उपचार किया गया.
रोजाना आ रहे ऐसे केस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मूलचंद अस्पताल के डॉक्टर सचिन अंबेकर ने बताया कि पिछले कुछ महीने से उनकी ओपीडी में रोजाना ऐसे चार से पांच ऐसे मरीज आ रहें हैं, जो बवासीर और फिशर से पीड़ित हैं. इनमें से कुछ को कोविड हुआ था और बाकी इस बीमारी से बचने के लिए अधिक मात्रा में काढ़ा पी रहे थे. इसके अलावा कई मरीजों ने विटामिन-सी और डी की दवाओं का भी सेवन किया. डॉक्टर सचिन कहते हैं कि कई मरीज वॉट्सऐप ग्रुप पर आए संदेशों से ही खुद के इलाज में लगे थे और इन चीजों का सेवन कर रहे थे. डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा काढ़ा पेट और आंतो की झिल्लियों को सुखा देता है. इससे कब्ज की परेशानी होने लगती है और यह बाद में बवासीर और फिशर जैसी बीमारियों का कारण बनती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved