उज्जैन। कोरोना की दूसरी लहर में 9 अप्रैल से महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश बंद कर दिया गया था जो आज 80 दिन बाद सुबह हरिओम जल चढऩे के बाद पुन: शुरू किया गया। महाकाल मंदिर में आज से फिर शर्तों के साथ दर्शन शुरू हुए हैं। सुबह भस्मार्ती हुई और 4 बजे पट खुलने के बाद हरिओम जल चढ़ाया गया तथा दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन वैक्सीनेशन रिपोर्ट चेक करने वाले काउंटर पर भीड़ लग गई तथा सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हुआ। प्रतिदिन 3 हजार 500 लोगों को ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन के बाद ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी। आज सुबह बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने वाले दर्शनार्थी पहुंच गए थे और उनका प्रयास था कि सबसे पहले वे दर्शन करें। सुबह दर्शन करने वालों में कैबिनेट मंत्री मोहन यादव भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि महाकाल के दर्शन हेतु दर्शनार्थियों के प्रवेश को 80 दिन पहले बंद कर दिया गया था।
महाकाल में आज सुबह सांसद अनिल फिरोजिया ने भी दर्शन किए और बाहर से लेकर अंदर तक दर्शनार्थी एक दूसरे से चिपक कर लाईन में खड़े हुए थे। सुबह हरिओम जल चढ़ाने के बाद दर्शन शुरू हुए तो कहीं लग नहीं रहा था कि 80 दिन बाद कोरोना बीमारी का प्रभाव कम होने के उपरांत पट खुले हैं। लोग आम दिनों की तरह ही व्यवहार कर रहे थे और कोई सावधानी नहीं रखी जा रही थी। ऐसा लग रहा था कि लोगों के बीच में से कोरोना बीमारी का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है और अधिकांश लोगों ने मास्क भी नहीं लगा रखे थे। ऐसा लग रहा था कि भीड़ एक दूसरे को धकियाते हुए आगे बढऩा चाहती है। 9 अप्रैल को महाकाल मंदिर में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया गया था।
500 के स्लॉट में सुबह 6 बजे से हुए दर्शन शुरू-मंत्री और सांसद भी पहुंचे
80 दिनों बाद आज महाकाल के द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, सुबह 6 बजे से मंदिर खुला तो जिन श्रद्धालुओं की बुकिंग थी वह पहुँच गए। आज दिन भर 500 की संख्या में अलग-अलग भागों में शाम 8 बजे तक दर्शन कराए जाएंगे। आज सुबह जैसे दर्शन शुरू हुए तो कैबिनेट मंत्री डॉ. मोहन यादव और बाद में सांसद अनिल फिरोजिया भी दर्शन करने पहुँचे। आज गेट नंबर 4 भस्मारती द्वार से श्रद्धालुओं को उनके वैक्सीन सर्टिफिकेट देखने और हाथ सेनीटाइजर कराने के बाद प्रवेश दिया जा रहा था। बाहर तो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मंदिर प्रबंध समिति ने प्रयास किए थे लेकिन मंदिर के अंदर जाने के बाद श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि मंदिर में प्रवेश में कढ़ाई से पालन करवाए, नहीं तो कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट चल रहा है और इसके मरीज भी मध्यप्रदेश में मिल रहे हैं। उज्जैन में भी पूर्व में 2 मरीज मिल चुके हैं। इसको देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है। क्योंकि महाकाल मंदिर में बाहर के प्रदेशों के श्रद्धालु अधिक संख्या में आते हैं और यदि लापरवाही की गई तो डेल्टा प्लस वैरीअंट उज्जैन में फिर फैल सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved