इंदौर। शहर के सबसे बड़े कालोनाइजर इंदौर विकास प्राधिकरण का सालाना बजट भी इस बार कोरोना के चलते लेटलतीफी का शिकार हुआ, जो आज मंजूर हो सकता है। लगभग 500 करोड़ रुपए के बजट को लेकर आज बोर्ड बैठक रखी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को बजट में विशेष तवज्जो दी गई है, जिसमें नए ओवरब्रिजों का निर्माण, मास्टर प्लान के साथ प्रमुख मार्गों का निर्माण और पिछले दिनों शासन ने जो नए लैंड पुलिंग एक्ट के तहत मंजूरी दी, उनका क्रियान्वयन करने के अलावा सुपर कॉरिडोर पर विशेष फोकस किया जाएगा। पीछले दिनों टीपीएस-1, 3, 4, 5 और 8 को शासन ने अधिसूचित किया था।
प्राधिकरण की योजनाओं को अब लैंड पुलिंग एक्ट के तहत अधिग्रहित किया जाएगा, जिसमें 50 फीसदी अविकसित जमीन वापस मालिकों या किसानों को लौटा दी जाएगी। नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 की उपधारा 2 के तहत शासन ने पिछले दिनों प्राधिकरण की पुरानी योजनाओं को नए नाम से फिर लागू करवा दिया है, जिनमें दावे-आपत्तियों से लेकर अन्य प्रक्रिया अभी बाकी है। टीपीएस-1 में खजराना क्षेत्र, टीपीएस-3 में अरण्ड्या, तलावलीचांदा, मायाखेड़ी, टीपीएस-4 में निपानिया, कनाडिय़ा और टीपीएस-5 में भी कनाडिय़ा और टीपीएस-8 में भौंरासला, शकरखेड़ी, कुमेर्डी, भांग्या सहित अन्य जमीनों को लिया गया है और टीपीएस-2 यानी राऊ क्षेत्र को लेकर फिलहाल मामला अटका है, क्योंकि राऊ की योजना को निरस्त करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दे दिए। दूसरी तरफ कोरोना के चलते प्राधिकरण का सालाना बजट अप्रैल में मंजूर नहीं हो पाया।नगर निगम की तरह प्राधिकरण का बजट भी विलंब से मंजूर हो रहा है। आज बजट बोर्ड बैठक रखी गई है। प्राधिकरण अध्यक्ष और संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभ पाल, प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय सहित अन्य बोर्ड सदस्य इस बजट बैठक में शामिल रहेंगे। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक लगभग 500 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया है, जिसमें टीपीएस में शामिल योजनाओं के विकास, सुपर कॉरिडोर के बचे हुए काम के अलावा प्राधिकरण की कुछ योजनाएं नगर निगम को हस्तांतरित की जाएंगी, वहीं नए ओवरब्रिज निर्माण के अलावा प्रमुख सडक़ों के निर्माण शामिल हैं।