प्राधिकरण ने किया नियमों में संशोधन…
गाइड लाइन का 5 प्रतिशत प्रीमियम और 2 प्रतिशत लीज रेंट की बढ़ोतरी के साथ रेग्यूलराइज हो सकेेंगे प्लॉट
इंदौर।
विकास प्राधिकरण (development authority) ने अपने भूखंडधारियों (plot holders) को बड़ी राहत (major relief) देते हुए निरस्त किए भूखंड को पुनर्जीवित करने के लिए अपने व्ययन नियम में संशोधन कर गाइड लाइन का 5 प्रतिशित प्रीमियम जमा करने के साथ ही 2 प्रतिशत लीज रेंट की बढ़ोतरी पर भूखंडों को रेग्यूलराइज करने का नियम पारित कर दिया है। इसके साथ ही जो भूखंड समय पर भुगतान नहीं करने के कारण निरस्त किए गए हैं उन्हें दंड राशि जमा करने एवं जो भूखंड लीज शर्तों का उल्लंघन करने पर निरस्त किए गए हैं उन्हें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (town and country planning) की अनापत्ति के बाद नए उपयोग की अनुमति दिए जाने के साथ जीवित किया जा सकेगा।
विकास प्राधिकरण (development authority) द्वारा 9 अप्रैल 2021 को राजपत्र में किए गए संशोधन के अनुसार 1 अक्टूबर 2018 को बनाए गए नियमों में संशोधन किया गया है। इन संशोधनों के अनुसार यदि प्राधिकरण (authority) द्वारा किसी भूखंड की कोई लीज निरस्त की गई है और यदि उस भूखंड पर कब्जे की कार्रवाई नहीं की गई है तो उसे इन संशोधनों का लाभ मिल सकेगा। इसके अनुसार गाइड लाइन दर की 5 प्रतिशत प्रीमियम तथा 2 प्रतिशत लीज रेंट प्राप्त कर भूखंडों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। यदि लीज पर दिए गए भूखंडों का पूर्णत: अथवा अंशत: प्रतिकूल उपयोग किया जा रहा है तो ऐसे भूखंडों पर भी अतिरिक्त शुल्क लेकर उसे मास्टर प्लान के अनुरूप उपयोग करने की अनुमति दी जा सकेगी। लेकिन यदि नगर एवं ग्राम निवेश विभाग भूखंड के उपयोग के लिए अनापत्ति नहीं देता है तो लीजधारक को लीज डीड में उल्लेखित भू-उपयोग ही करना पड़ेगा, लेकिन यदि लीज डीड में उल्लेखित प्रयोजन से भिन्न उपयोग किया जा रहा है तो निर्धारित शुल्क चुकाकर नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की अनापत्ति के साथ लीज डीड का नवीनीकरण कराया जा सकेगा। प्राधिकरण (authority) द्वारा किए गए संशोधन से बड़ी तादाद में चल रहे विवादों का निपटारा हो सकेगा। साथ ही उन भूखंडधारियों की समस्याओं का निदान हो सकेगा, जिन्हें मास्टर प्लान में तो अन्य उपयोग की पात्रता है, लेकिन प्राधिकरण द्वारा भूखंडों का उपयोग सीमित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में कई आवासीय भूखंडों पर चल रहे मैरिज गार्डनों को भी राहत मिल सकेगी तथा अन्य कई विवादित भूखंड भी नवीनीकृत हो सकेंगे। जिन भूखंडों के निरस्तीकरण के आदेश जारी किए गए हैं उन भूखंडधारियों को 30 दिवस के भीतर आवेदन करना होगा और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 90 दिनों की अवधि में आदेश पारित करना आवश्यक होगा।
खाली भूखंड भी पुनर्जीवित किए जा सकेंगे
जिन भूखंडों पर लीज की शर्तों के अनुसार निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है उन भूखंडों की लीज निरस्त करने का अधिकार प्राधिकरण (authority) को है, लेकिन नए नियमों के अनुसार यदि पट्टाधारक ने भूखंडों का निर्माण शुरू नहीं किया है तो भूखंड पर कुल स्वीकृत निर्मित क्षेत्र के 10 प्रतिशत निर्माण कार्य तक 10 रुपए प्रतिवर्ग मीटर की दर से शुल्क लेकर खाली भूखंडों को भी पुनर्जीवित कर सकेगा।
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